प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि भारत खून और पानी एक साथ नहीं बहने देगा. उन्होंने सिंधु जल समझौते को पंडित जवाहरलाल नेहरू की एक बड़ी भूल बताया. यह समझौता 19 सितंबर 1960 को कराची में पंडित नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान के बीच हुआ था. पंडित नेहरू ने इस समझौते के बारे में संसद को कोई जानकारी नहीं दी थी और सिंधु, झेलम तथा चिनाब नदी के पानी का बंटवारा बिना संसद की सहमति के कर दिया था.