एयरपोर्ट पर बच्चों को लेने पहुंचे कुछ परिवारों से बातचीत कर समझ आ रहा था कि उन्होंने आखिर किस तरह संसाधन जुटाकर अपने बच्चों को विदेश पढ़ने भेजा होगा. पिछले कुछ दिनों से अपने बच्चों को जिन हालातों में परिवार देख सुन रहे थे, वो बच्चे अब यूक्रेन से सुरक्षित वतन लौट आए हैं. उनकी फ्लाइट लैंड कर चुकी है. यहां मौजूद अधिकतर लोग आपको सामान्य परिवारों के लगते हैं. ऐसे परिवार जिन्हें देखकर ही आप समझ जाएंगे कि विदेश में बच्चे को पढ़ाने के लिए फीस का इंतजाम करना उनके लिए आसान नहीं था. हमने कुछ पेरेंट्स से बात की. भानू प्रताप सिंह अपनी पत्नी और छोटे भाई के साथ एयरपोर्ट पहुंचे हैं. देखें यूक्रेन से बिना डिग्री वापस लौटे बच्चों की इमोशनल स्टोरी.