उच्चायुक्त संजय वर्मा ने बताया कि कनाडा छोड़ने और डिप्लोमेटिक मियाद समाप्त होने के लिए किसी व्यक्ति को केवल 4-5 दिन दिए गए थे. अगर वे निवेदन को नहीं मानते, तो उन्हें इन्वेस्टिगेटिव प्रोसेस में शामिल होना पड़ता. संजय वर्मा का यह बयान इस बात की ओर इशारा करता है कि डिप्लोमेटिक समझौतों का पालन करना आवश्यक है. कनाडा में तेजी से बदलते इस घटनाक्रम ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं. भारत और कनाडा के बीच के इस मामले में कूटनीतिक रास्तों को अपनाने की आवश्यकता है. इस सन्दर्भ में, संजय वर्मा ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है.