प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले के प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर बात की. उन्होंने पाकिस्तान को सिंधु नदी के पानी को भूल जाने की बात कही, जब तक वह आतंक का साथ देगा. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ने तय कर लिया है कि खून और पानी एक साथ नहीं बहेगा. उन्होंने सिंधु समझौते को अन्यायपूर्ण बताया, जिससे देश के किसानों को नुकसान हुआ है. प्रधानमंत्री मोदी ने डेमोग्राफी में बदलाव पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि 'सोंची समझी साजिश के तहत देश की डेमोग्राफी को बदला जा रहा है।' उन्होंने घुसपैठियों पर देश के नौजवानों की रोज़ी-रोटी छीनने, बहन-बेटियों को निशाना बनाने और आदिवासियों की जमीनों पर कब्जा करने का आरोप लगाया। उन्होंने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा और देश की एकता-अखंडता के लिए संकट बताया। प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 100 साल पूरे होने पर उसके योगदान की सराहना की। उन्होंने संघ को सेवा, समर्पण, संगठन और अप्रतिम अनुशासन की पहचान बताया, और इसे दुनिया का सबसे बड़ा एनजीओ कहा।