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'तालिबानी सोच' पर तकरार, भारत की अफगानिस्तान पर नई चाल

'तालिबानी सोच' पर तकरार, भारत की अफगानिस्तान पर नई चाल

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के भारत दौरे और जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना अरशद मदनी से उनकी मुलाकात ने भारत की अफगान नीति पर एक नई बहस छेड़ दी है। मदनी ने इस मुलाकात के बाद कहा कि, 'अब यह साफ हो गया है कि अफगानिस्तान की जमीन भारत विरोधी गतिविधियों के लिए इस्तेमाल नहीं होगी और कोई आतंकी अब अफगानिस्तान से भारत नहीं आएगा।' इस दौरे को भारत की रणनीतिक जरूरत बताया जा रहा है, जिसका उद्देश्य एक स्थिर अफगानिस्तान सुनिश्चित करना है ताकि भारत के सबसे बड़े दुश्मन को नियंत्रित किया जा सके। वहीं, विपक्ष ने सरकार पर उन लोगों के लिए 'रेड कारपेट' बिछाने का आरोप लगाया है, जिनकी विचारधारा का वे पहले विरोध करते थे। यह घटनाक्रम ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने अफगानिस्तान के साथ पूर्ण राजनयिक संबंध बहाल करने और काबुल में अपने दूतावास को फिर से खोलने का फैसला किया है, जो क्षेत्रीय भू-राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का संकेत है।

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