scorecardresearch
 
Advertisement

जहां पाताललोक में समा गई थीं माता सीता, वहां पहुंचकर भावुक हो गईं चित्रा त्रिपाठी

जहां पाताललोक में समा गई थीं माता सीता, वहां पहुंचकर भावुक हो गईं चित्रा त्रिपाठी

महर्षि वाल्मीकि ने रामायण की रचना वाल्मिकी आश्रम में की थी, जो कि इस वक्त नेपाल में है. आज तक की टीम वाल्मिकी आश्रम में पहुंची. वहीं लव-कुश की जन्मस्थली भी है. मान्यता है कि राम द्वारा त्यागे जाने के बाद यहीं माता सीता ने आश्रय लिया था. यहीं लव और कुश का बचपन बीता. यहां वे तमाम साक्ष्य मौजूद हैं जो रामायण के तमाम इतिहास के पन्नों को अपने आप में संजोये हुए हैं. बिहार से बिलकुल सटा हुआ ये इलाका नेपाल का हिस्सा है. यहां अलग-अलग साक्ष्य भगवान राम से जुड़े हुए नजर आते हैं. सीता ने जहां से पताल में प्रवेश किया था, वहां अब लाखों लोग दर्शनों के लिए आते हैं. चित्रा त्रिपाठी यहां के पुजारी से सीता की कथा सुनते हुए भावुक हो गईं, देखें वीडियो.

Advertisement
Advertisement