चंद्रयान-3 की जरिए भारत अंतरिक्ष की दुनिया में आज सबसे बड़ा इतिहास रचने वाला है. लेकिन वह भी दिन थे जब देश आजाद हुआ था. तब गरीबी और तंगहाली के दौर में इसरो की स्थापना हुई. पहला रॉकेट लॉन्च करने के दौरान साइकिल और बैलगाड़ी से रॉकेट और सैटेलाइट को ढोना पड़ा था.