उत्तर प्रदेश के इटावा में कथावाचकों की पिटाई के मामले ने जाति की सियासत को जन्म दिया है. समाजवादी पार्टी ने इसे पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक अधिकार से जोड़ा है, जबकि कथावाचकों पर फर्जी आधार कार्ड और ब्राह्मण पहचान छिपाने का आरोप है. इस बीच, ज्योतिष पीठ के चंक्राचार्य स्वामी स्वरूपानंद ने कहा है कि कथा कह सुन तो कोई भी सकता है लेकिन व्यास पीठ पर ब्राह्मण ही बैठेगा.