सिंगर-एक्टर जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत की जांच कर रही विशेष जांच टीम (SIT) ने रविवार को असम के एंटरटेनमेंट उद्योग की दो प्रमुख हस्तियों को तलब किया. अभिनेता वैशाली मेधी अपनी मां के साथ CID कार्यालय पहुंचीं, जबकि सिंगर मेघना बोरपुझारी, जिन्होंने जुबिन गर्ग के साथ तीन साल तक को-वोकलिस्ट के रूप में प्रदर्शन किया, भी बयान देने के लिए उपस्थित हुईं. दोनों को APS अधिकारी मोरोमी दास के निर्देश पर SIT द्वारा तलब किया गया था.
CID कार्यालय में SIT के अधिकारी रोसी कलिता और मोरोमी दास मौजूद थे. जांच टीम का कहना है कि 10 अक्टूबर को मिलने वाली विसरा रिपोर्ट इस मामले के कारण मृत्यु का निर्धारण करने में अहम भूमिका निभाएगी. मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने संकेत दिया कि 11 अक्टूबर तक जांच में स्पष्ट उत्तर मिलने की संभावना है.
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जांच प्रक्रिया में शेख गोस्वामी द्वारा लगाए गए जहरी के कारण से मौत के दावे ने जटिलता बढ़ा दी है. हालांकि मुख्यमंत्री सरमा ने स्पष्ट किया कि ये दावे केवल गवाहों के बयानों पर आधारित हैं और पुलिस ने अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला है.
जांच में पता चलेगा हत्या का पूरा मामला
सीएम सरमा ने कहा, "गवाह अपने बयानों में कुछ भी कह सकते हैं. पुलिस का काम इसे केस डायरी में दर्ज करना है. जांच यह निर्धारित करेगी कि कोई आरोपी खुद को बचा रहा है या जांच में गुमराह करने की कोशिश कर रहा है."
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एसआईटी मामले की कर रही जांच
इस मामले में शेखर, श्यामकानू और सिद्धार्थ वर्तमान में हिरासत में हैं या SIT द्वारा पूछताछ की जा रही है. इनके अलावा, जांचकर्ताओं को उन कुछ व्यक्तियों से सहयोग प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, जो सिंगापुर में होने की संभावना है और जिन्हें मामले के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है. SIT का कहना है कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बिना मामले की तह तक पहुंचना चुनौतीपूर्ण हो सकता है.
जांच का यह चरण जुबिन गर्ग की मौत के रहस्य को सुलझाने के लिए निर्णायक माना जा रहा है. इस बीच, SIT मामले में शामिल सभी गवाहों और संदिग्धों के बयानों का अध्ययन कर रही है, ताकि मौत के कारण का सही-सही पता लगाया जा सके.