रेलवे ने ट्रेन में रिजर्वेशन के नियमों में बड़ा बदलाव करने का फैसला लिया है. अब टिकट बुकिंग में एडवांस रिजर्वेशन पीरिएड की समय-सीमा 120 दिन से घटाकर 60 दिन कर दी गई. यानी अब 60 दिन से पहले टिकट की बुकिंग नहीं हो सकेगी. नया नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होगा. रेल रिजर्वेशन के नए नियम से पैसैंजर और सरकार में किसे फायदा-नुकसान होगा? कैंसिलेशन का रूल क्या है? जानिए सारे सवालों के जवाब...
रेलवे ने क्यों यह फैसला लिया?
रेलवे का कहना है कि ज्यादा कैंसिलेशन और सीटों की बर्बादी को देखते हुए यह फैसला लिया है. रेलवे ने कहा, 120 दिन का एडवांस रिजर्वेशन पीरिएड बहुत लंबा हो जाता था. इस अवधि में कराए गए करीब 21 फीसदी टिकट निरस्त करवाए जाते हैं. जबकि 4 से 5 फीसदी लोग यात्रा ही नहीं करते हैं. कई मामले ऐसे भी आए, जिनमें यात्रियों ने अपना टिकट कैंसिल ही नहीं करवाया, जिससे धोखाधड़ी की संभावना बनी रहती है और जरूरतमंद टिकट के लिए भटकते देखे गए. रेलवे के मुताबिक सिर्फ 13 फीसदी लोग ही चार महीने पहले ट्रेन का टिकट एडवांस में बुक करते थे. जबकि ज्यादातर टिकटों की बुकिंग यात्रा के 45 दिनों के अंदर होती थी.
नए नियम से किसे फायदा और नुकसान?
12 दिन बाद दिवाली है और उसके बाद छठ पूजा है. दोनों बड़े त्योहार हैं और ऐसे समय शहरों में नौकरीपेशा लोग अपने गांव और घर जाते हैं. भीड़ ज्यादा होती है. ट्रेन से लेकर एयर टिकट तक आसानी से नहीं मिलते हैं और आम लोगों को परेशान होते देखा जाता है. कालाबाजारी बढ़ जाती है. इससे रेलवे को भी नुकसान होता है और अवैध वसूली की शिकायतें आने लगती हैं. रेलवे का कहना है कि त्योहारों के समय ट्रेनों यात्रियों की ज्यादा भीड़ को देखते हुए नियम में संशोधन किया है. इससे कालाबाजारी और भ्रष्टाचार पर भी काफी हद तक अंकुश लगेगा.
रिजर्वेशन समय-सीमा में कटौती से रेलवे को सबसे ज्यादा सुविधा विशेष ट्रेनों को चलाने की योजना बनाने में होगी, क्योंकि कम कैंसिलेशन और यात्रियों की भीड़ को देखकर सही स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकेगा. इससे यात्रियों और रेलवे दोनों की परेशानी और चुनौतियां कम होंगी.
अभी टिकट बुकिंग का क्या नियम है?
ट्रेनों में एडवांस टिकट बुकिंग की अवधि में समय-समय पर परिवर्तन होता आया है. अभी तक के नियम के मुताबिक यात्रा से पहले चार महीने के अंदर ट्रेन टिकट की एडवांस करवा सकते थे. रेल मंत्रालय ने 25 मार्च 2015 को बुकिंग की अवधि 60 दिन से बढ़ाकर 120 दिन कर दी थी. अब एक बार फिर ट्रेन टिकट बुकिंग की अवधि 60 दिन कर दी गई है. इससे पहले रिजर्वेशन की अवधि 45 दिन और 90 दिन भी रही है. एनालिसिस के बाद रेलवे ने तय किया कि यात्रियों की सुविधा के लिहाज से अधिकतम 60 दिन की रिजर्वेशन अवधि सर्वोत्तम हो सकती है.
जिन्होंने पहले से टिकट बुक करवाया, उनका क्या होगा?
जिन यात्रियों ने पहले से टिकट बुक करवा रखे हैं, उन पर नए नियम का असर नहीं होगा. रेलवे का कहना है कि नया नियम 1 नवंबर 2024 से लागू होगा. 120 दिन के नियम के तहत 31 अक्टूबर तक की गई बुकिंग बरकरार रहेगी. यानी 31 अक्टूबर तक हुए आरक्षण पर इसका असर नहीं होगा. हालांकि अगर आपने 60 दिनों के आगे की टिकट अभी से बुक कर ली है तो उसे कैंसिल करने के नियमों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
टिकट कब तक कैंसिल करवा सकते हैं?
नए नियम के मुताबिक, टिकट कैंसिलेशन की अवधि भी 60 दिन होगी. यानी आपको अपना टिकट रद्द करना है तो इसी अवधि के भीतर प्रक्रिया पूरी करनी होगी.
नए नियम का किन ट्रेनों की टिकट बुकिंग पर असर नहीं?
जिन ट्रेनों का एडवांस रिजर्व पीरिएड पहले ही कम है, उन पर नए नियम का असर नहीं होगा. ऐसी ट्रेनों में गोमती एक्सप्रेस और ताज एक्सप्रेस जैसी गाड़ियां शामिल हैं. इन ट्रेनों में वर्तमान में अग्रिम आरक्षण के लिए कम समय-सीमा पहले से ही लागू है. विदेशी पर्यटकों के लिए 365 दिन की सीमा के मामले में भी कोई बदलाव नहीं होगा. विदेशी पर्यटक पहले की ही तरह 365 दिन की समय-सीमा में रिजर्वेशन करवा सकेंगे.
नए नियम से क्या बदलेगा?
देश में ऐसे लाखों लोग हैं, जो अपने शहर से कई किलोमीटर दूर पढ़ाई करने या रोजगार के लिए जाते हैं या कई बार सरकारी परीक्षाओं के लिए लाखों स्टूडेंट दूसरे शहर में परीक्षा देने जाते हैं. इनमें ज्यादातर लोगों के लिए ट्रेन से सफर करना आर्थिक तौर पर एक बहुत बड़ी सुविधा है. कई मुख्य त्यौहारों के समय ट्रेन में भीड़ इतनी बढ़ जाती है कि लोगों को खड़े होने के लिए जनरल टिकट भी नहीं मिलता है, इसलिए ट्रेन की एडवांस बुकिंग को लेकर लोग पहले से काफी सतर्क रहते हैं.
कई लोग ऐसे होंगे, जो दिवाली और छठ पर अपने घर, अपने गांव जाने के लिए पहले से ट्रेन की टिकट कर चुके होंगे. ऐसे सभी लोग जिन्होंने 31 अक्टूबर से पहले पुराने नियम के हिसाब से ट्रेन की टिकट बुक कर ली है या करते हैं, उनकी यात्रा पर रेलवे के नए नियमों का कोई असर नहीं पड़ेगा.
पहले के नियम के मुताबिक, जब कई लोग तीन -चार महीने पहले ही टिकट बुक कर लेते हैं तो यात्रा की तारीख से एक महीने पहले भी दूसरे यात्रियों को लंबी वेटिंग झेलनी पड़ती थी, इसलिए इस नए नियम के लागू होने के बाद यात्रियों के लिए यात्रा से कुछ दिनों पहले भी टिकट उपलब्ध रहेंगे और टिकट के कैंसिलेशन और रिफंड से जुड़ी दिक्कतों में भी सुधार किया जा सकेगा.