पश्चिम बंगाल में इस समय कई लोग सड़क पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं. आरोप है कि एसएलएसटी की मेरिट लिस्ट में इन लोगों को स्थान मिला है, लेकिन फिर भी दो साल से टीचर की नौकरी की तलाश जारी है.
तापसी राय अपनी 3 साल की बिटिया से दूर बीते 123 दिनों से खुले आकाश के नीचे धरने पर बैठी हैं. और अब बीते तीन दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. इस बीच तूफानी हवाएं, लगातार बारिश और ठंडी ओस भरी रातें भी तापसी को उसके धरने से डिगा नहीं पाईं. मांग एक ही है नौकरी चाहिए.
पलाश मंडल पिछले कई महीनों से धरना दे रहे हैं और बीते एक दिन से अनशन पर हैं. यही हाल शंपा बर्मन का भी है जो कोलकाता से लगभग 700 किलोमीटर दूर नॉर्थ बंगाल में अपने परिवार को छोड़ आंदोलन कर रही हैं. इनके जैसे लगभग 2500 से 3000 ऐसे कैंडिडेट हैं जो नौकरी की मांग पर आंदोलन कर रहे हैं. दरअसल ये सभी लोग बंगाल में कक्षा 9 से 12 के टीचर्स की परीक्षा पास किए हुए हैं. इन सभी ने स्टेट लेवल सिलेक्शन टेस्ट यानी एसएलएसटी की मेरिट लिस्ट में स्थान बनाया था. लेकिन पिछले 2 साल से उन्हें राज्य में टीचर की नौकरी नहीं मिली है.
यह लोग फिलहाल पिछले 123 दिनों से कोलकाता के मेयो रोड पर गांधी मूर्ति के पास धरने पर बैठे हैं. और पिछले 9 दिनों से अनशन शुरू किया है जहां कई लोग बीमार भी पड़ रहे हैं. आंदोलनरत लोगों का आरोप है कि परीक्षा में फेल हुए और उनसे बाद पास हुए लोगों को नौकरी मिल गई पर इन्हें नहीं मिली. इनको आंदोलन करते लगभग एक साल हो चुका है पर अभी तक इन्हें सरकार की ओर से सिर्फ आश्वासन ही मिला है नौकरी नहीं.