पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के लिए नामांकन के दौरान छुटपुट हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं. बीजेपी और कांग्रेस लगातार सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर गुंडागर्दी जैसे आरोप लगा रही है. इस बीच मंगलवार को टीएमसी कार्यकर्ताओं ने पश्चिम मिदनापुर जिले में बंगाल बीजेपी उपाध्यक्ष दिलीप घोष का लस्सी और कोल्ड ड्रिंक से स्वागत किया. इसे देखकर बीजेपी नेता हैरान रह गए. इसकी तस्वीरें भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं.
दरअसल, बीजेपी नेता दिलीप घोष पश्चिम मिदनापुर में नामांकन प्रक्रिया की निगरानी के लिए सलबानी बीडीओ कार्यालय के दौरे पर थे. इस दौरान स्थानीय टीएमसी नेताओं ने बीजेपी नेता को लस्सी और कोल्ड ड्रिंक के टेट्रा पैक की पेशकश की. पहले तो दिलीप घोष "हैरान" हुए, लेकिन बाद में उन्होंने लस्सी और कोल्ड ड्रिंक स्वीकर कर ली.
शीर्ष नेताओं के निर्देशों का कर रहे पालन- टीएमसी नेता
स्थानीय टीएमसी नेता असित घोष ने आजतक को बताया, “हम एक ऐसे माहौल को बढ़ावा देना चाहते हैं, शांतिपूर्ण तरीके से चुनाव हो सकें. जहां हमारे शीर्ष नेताओं के निर्देश के अनुरूप, हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि सभी विपक्षी दल सुरक्षित तरीके से अपना नामांकन दाखिल कर सकें. दिलीप घोष नामांकन प्रक्रिया की जांच करने के लिए यहां आए थे और हमने उनके स्वागत के लिए लस्सी और कोल्ड ड्रिंक की पेशकश की.”
यह पूछने पर कि क्या टीएमसी उम्मीदवार नामांकन दाखिल कर रहे हैं, घोष ने पूछा, "आप नामांकन क्यों नहीं दाखिल कर रहे हैं? नामांकन कराइए. धन्यवाद."
असित घोष ने बताया, "टीएमसी उस नियम का पालन करती है जो कहता है कि सभी के साथ सहयोग करें और विपक्ष में सभी का सम्मान करें. वह एक सांसद हैं. वह हमारे क्षेत्र में आए थे, इसलिए हमने पार्टी की ओर से ठंडे पानी और लस्सी से उनका स्वागत किया. उन्होंने मुझे धन्यवाद भी दिया."
विपक्ष के उम्मीदवारों को गुलाब और पानी की पेशकश
टीएमसी द्वारा इसी तरह से सोमवार को भी पूर्वी बर्धमान जिले के सालनपुर में बीजेपी और सीपीआई (एम) नेताओं को गुलाब और पानी की बोतलें दी गई थीं. टीएमसी ब्लॉक के उपाध्यक्ष भोला सिंह ने आजतक को बताया, "इस ब्लॉक में कोई परेशानी या झगड़ा नहीं है. हम सभी शांतिपूर्ण चुनाव चाहते हैं. इसलिए यह सुनिश्चित करना हमारा कर्तव्य है कि हर कोई शांति से नामांकन दाखिल कर सके."
नामांकन के पहले ही दिन हो गई थी हिंसा
बता दें कि राज्य के कई जिलों में 8 जुलाई को होने वाले पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दाखिल करने के पहले दिन 9 जून से हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. इसके मद्देनजर मंगलवार को पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) द्वारा विपक्षी नेताओं की शिकायतों को दूर करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाई गई थी, हालांकि वह विफल रही, क्योंकि इसके बाद भी कई जगहों से झगड़े के मामले सामने आते रहे.
(सजहान अली के इनपुट्स के साथ)