केंद्र सरकार 6 जून को 'Umeed' पोर्टल लॉन्च करने जा रही है, जिसका मकसद देश भर में वक्फ संपत्तियों के बेहतर प्रबंधन और बढ़ी हुई पारदर्शिता को सुनिश्चित करना है. सूत्रों के अनुसार, यह पोर्टल 'Unified Waqf Management, Empowerment, Efficiency, and Development' का संक्षिप्त नाम है और यह सभी वक्फ संपत्तियों को एक सेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर करने के लिए बनाया गया है.
योजना के तहत, पोर्टल के लॉन्च के छह महीने के भीतर सभी वक्फ संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. संपत्तियों का विस्तृत विवरण, जिसमें उनकी लंबाई, चौड़ाई और जियो टैग्ड स्थान शामिल होंगे, पोर्टल पर दर्ज करना आवश्यक होगा. इसके अलावा, जिन संपत्तियों का रजिस्ट्रेशन महिलाओं के नाम पर होगा, उन्हें वक्फ घोषित नहीं किया जाएगा. वक्फ संपत्तियों के मुख्य लाभार्थी महिलाओं, बच्चों और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बनाया जाएगा.
स्टेट वक्फ बोर्ड पर होगी रजिस्ट्रेशन की जिम्मेदारी
यह रजिस्ट्रेशन संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड द्वारा करवाया जाएगा. तकनीकी या अन्य महत्वपूर्ण कारणों से यदि कोई संपत्ति निर्धारित समय सीमा में रजिस्टर नहीं होती, तो एक से दो महीने की एक्सटेंशन दी जा सकती है. हालांकि, जो संपत्तियां निर्धारित अवधि के बाद भी रजिस्टर न हों, उन्हें विवादित माना जाएगा और उन्हें वक्फ ट्रिब्यूनल में भेजा जाएगा.
"Umeed" पोर्टल हाल ही में पारित वक्फ (संशोधन) बिल, 2025 के संदर्भ में लॉन्च किया जा रहा है, जिसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 5 अप्रैल को मंजूरी दी थी. यह बिल संसद के दोनों सदनों में तीव्र बहस के बाद पारित हुआ था.
नए वक्फ कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं लंबित
इस बीच, वक्फ अधिनियम को चुनौती देने वाली कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में लंबित हैं. केंद्र सरकार ने इन याचिकाओं को खारिज करने का आग्रह किया है और कहा है कि यह कानून संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं करता.
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17 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने सरकार द्वारा कुछ प्रावधान लागू न करने की बात कही जाने के बाद अधिनियम पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था. 27 मई को हुई हालिया सुनवाई में कोर्ट ने केंद्र और अन्य पक्षों से जवाब मांगे हैं.