मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को सीएम हेल्पलाइन 1905 पर दर्ज शिकायतों को लेकर खुद कुछ लोगों से फोन पर बात की और फीडबैक लिया. उन्होंने पूछा, “आपका काम हुआ कि नहीं?” मुख्यमंत्री ने ये कॉल यह देखने के लिए की कि जिन मामलों में उन्होंने पहले अधिकारियों को निर्देश दिए थे, उन पर सही कार्रवाई हुई या नहीं.
दरअसल, मुख्यमंत्री ने कुछ दिन पहले एक बैठक में अलग-अलग विभागों को तय समय सीमा में शिकायतें सुलझाने को कहा था. अब उन्होंने खुद यह परखने की पहल की कि ज़मीन पर उसका असर कितना हुआ.
बातचीत के दौरान सभी शिकायतकर्ताओं ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद उनके मामले सुलझा दिए गए हैं और वे संतुष्ट हैं. उत्तरकाशी की लक्ष्मी देवी ने बताया कि उन्हें शिक्षा विभाग से पारिवारिक पेंशन नहीं मिल रही थी, लेकिन सीएम के निर्देश के बाद अब पेंशन स्वीकृत हो चुकी है.
रुद्रप्रयाग निवासी जगदंबा प्रसाद नौटियाल ने बताया कि उनके मेडिकल बिल अटके हुए थे, लेकिन अब विभाग ने भुगतान कर दिया है. नैनीताल के बहादुर सिंह बिष्ट, जो उद्यान विभाग से रिटायर्ड हैं, ने भी कहा कि उनका जीपीएफ भुगतान हो गया है.
मुख्यमंत्री ने यह भी साफ किया कि वे सिर्फ बैठकों तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह भी देख रहे हैं कि उन बैठकों के बाद वास्तव में काम हो भी रहा है या नहीं. इससे विभागों पर भी साफ संदेश गया है कि शिकायतों को लेकर लापरवाही अब नहीं चलेगी. खुद मुख्यमंत्री फीडबैक ले रहे हैं तो अधिकारी भी ज्यादा सतर्क और सक्रिय नजर आ रहे हैं.