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IAS पूजा खेडकर विवाद से चर्चा में आया UPSC के चेयरमैन का पद, जानिए कैसे होती है नियुक्ति

संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 316(1) के तहत होती है. सदस्य के तौर पर कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के तहत कम से कम 10 साल का अनुभव होता है.

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कैसे होती है UPSC चेयरमैन की नियुक्ति
कैसे होती है UPSC चेयरमैन की नियुक्ति

पूजा खेडकर कंट्रोवर्सी में यूपीएससी चेयरमैन मनोज सोनी ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति को भले ही भेज दिया हो, लेकिन अभी नए चेयरमैन का ऐलान नहीं किया गया है. इस बीच कांग्रेस हमलावर है तो पता लगा है कि सोनी ने व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दिया. पूजा खेडकर की वजह से ही यूपीएससी के चेयरमैन का पद भी सुर्खियों में आ गया है. जानिए कैसे होती है UPSC के चेयरमैन की नियुक्ति. 

राष्ट्रपति द्वारा होती है नियुक्ति 
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति सीधे राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. यह नियुक्ति संविधान के अनुच्छेद 316(1) के तहत होती है. सदस्य के तौर पर कम से कम आधे सदस्य किसी लोक सेवा के सदस्य (कार्यरत या अवकाशप्राप्त) होते हैं, जिन्हें भारत या राज्य की सरकार के तहत कम से कम 10 साल का अनुभव होता है. अनुच्छेद 317 के तहत UPSC के चेयरमैन और अन्य सदस्यों को सिर्फ राष्ट्रपति ही उनके पद से हटा सकते हैं.

आपको बता दें UPSC के सदस्य अपने पद ग्रहण की तारीख से 6 साल की अवधि तक या 65 साल की आयु प्राप्त कर लेने तक (जो भी पहले हो) अपने पद पर रहते हैं. राज्य आयोग या संयुक्त आयोग के सदस्यों के लिए आयु सीमा 62 साल है. सोनी 2017 में आयोग के सदस्य बने थे, 16 मई 2023 को अध्यक्ष का पद संभाला और कार्यकाल 2029 तक खत्म होना था.

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पद अगर खाली हो तो ये होता है अस्थायी प्रबंधन
अगर अध्यक्ष का पद खाली होता है या कोई अध्यक्ष अपने पद के कर्तव्यों का पालन करने में असमर्थ होता है, तब तक बाकी सदस्यों में से कोई सदस्य जो राष्ट्रपति (संघ आयोग में) या राज्यपाल (राज्य आयोग में) द्वारा नियुक्त हो, अध्यक्ष के कर्तव्यों का पालन करेगा. नए UPSC चेयरमैन की नियुक्ति की प्रक्रिया अभी तक शुरू नहीं हुई है.

इस्तीफा देने की प्रक्रिया
UPSC का कोई सदस्य, संघ आयोग या संयुक्त आयोग की दशा में राष्ट्रपति को और राज्य आयोग की दशा में राज्य के राज्यपाल को अपना इस्तीफा दे सकता है.

हटाने की प्रक्रिया
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 317 के क्लॉज (1) या क्लॉज (3) में उपबंधित तरीके से किसी सदस्य को उसके पद से हटाया जा सकता है.

दोबारा नियुक्ति नहीं
कोई सदस्य जो UPSC के सदस्य के तौर पर नियुक्त होता है, कार्यकाल खत्म होने पर फिर से उस पद पर नियुक्ति पाने का पात्र नहीं होता.

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