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ओडिशा में 11 जनवरी से हो सकती है भारी बारिश और ओलावृष्टि, मौसम विभाग का अलर्ट

ओडिशा (Odisha) में 11-14 जनवरी के दौरान कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. मौसम विभाग ने मंगलवार को सात जिलों - बरगढ़, बोलांगीर, सोनपुर, संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़ और देवगढ़ में गरज और ओलावृष्टि को लेकर येलो अलर्ट जारी किया.

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ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना.  (Representative image)
ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना. (Representative image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • ओडिशा के कुछ जिलों में 10 जनवरी से शुरू हो सकती है बारिश
  • खेत में कट चुकी फसलों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें

ओडिशा (Odisha) में 11 जनवरी से तीन दिनों तक भारी बारिश और आंधी के साथ ओलावृष्टि की संभावना है. किसानों से अपनी फसल को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने के लिए कहा है. मौसम विज्ञानियों ने कहा कि पूर्वी भारत की ओर बढ़ रहे पश्चिमी विक्षोभ और खाड़ी बंगाल से नमी के कारण कृषि पर प्रभाव पड़ सकता है. 

एजेंसी के अनुसार, भुवनेश्वर मौसम विज्ञान केंद्र ने एक बुलेटिन में कहा कि ओडिशा के जिलों में 11-14 जनवरी के दौरान कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है. विभाग ने मंगलवार को सात जिलों - बरगढ़, बोलांगीर, सोनपुर, संबलपुर, झारसुगुड़ा, सुंदरगढ़ और देवगढ़ में गरज और ओलावृष्टि को लेकर येलो अलर्ट जारी किया. कालाहांडी, कंधमाल, बौध, अंगुल, ढेंकनाल, कटक और नयागढ़ जिलों में बुधवार को आंधी और भारी बारिश हो सकती है.

मौसम विज्ञानियों ने गुरुवार को क्योंझर, मयूरभंज, बालासोर, भद्रक, जाजपुर, कटक, ढेंकनाल, नयागढ़ और कंधमाल जिलों के कुछ इलाकों में भारी बारिश की संभावना जताई है. बुलेटिन में कहा गया है कि पश्चिमी ओडिशा के कुछ जिलों में 10 जनवरी से बारिश शुरू हो सकती है.

कुछ दिनों के लिए टाल दें रबी दलहन और तिलहन की बुवाई

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मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि काटे गए धान को सोमवार तक भीतर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दें और रबी दलहन और तिलहन की बुवाई कुछ दिनों के लिए टाल दें. विभाग के अनुसार, फूलगोभी, पत्ता गोभी, टमाटर, बीन, हरी मटर, गाजर और मूली जैसी परिपक्व सब्जियों को भी काटा जा सकता है. उन्हें सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया जा सकता है.

खेत से पानी निकालने की कर लें व्यवस्था

प्याज, टमाटर, मिर्च और फूलगोभी जैसी सब्जियां, जो अंकुरित अवस्था में हैं, उन्हें ओलों से बचाने के लिए प्लास्टिक से या पॉलिथीन शीट से ढकने की व्यवस्था की जानी चाहिए. बुलेटिन में कहा गया है कि नर्सरी के साथ-साथ खेत में पानी की निकासी के लिए व्यवस्था की जानी चाहिए. मौसम कार्यालय ने कहा कि मूंगफली और सरसों की फसलों के लिए सिंचाई को रोक दिया जाना चाहिए, क्योंकि उनमें से ज्यादातर फूल आने की अवस्था में हैं और बारिश मददगार होगी.

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