भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में ब्रिटेन में भी प्रदर्शन हुए. लेकिन इस प्रदर्शन के दौरान खालिस्तान के झंडे देखे गए. बर्मिंघम में भारतीय कॉन्सुलेट के सामने प्रदर्शन के दौरान यह घटना हुई. इस पर ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनीक राब ने कहा कि कृषि कानूनों पर भारत सरकार को फैसला करना है.
इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में डोमिनीक राब ने कहा कि भारत में जो कुछ होता है तो उसका असर ब्रिटेन में भी देखने को मिलता है चाहे वो दिलचस्प हो या विवादित. उन्होंने कहा, 'आपकी खबर हमारी खबर है क्योंकि हमारे यहां इतनी बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी हैं कि जब भी भारत में कुछ दिलचस्प या विवादास्पद होता है, तो ब्रिटेन में भी इसका असर दिखता है.'
पिछले कुछ हफ्तों से दिल्ली के बाहरी इलाकों में चल रहे किसानों के विरोध का असर केवल भारत तक ही सीमित नहीं रहा है, बल्कि लंदन सहित कई विश्व के कई देशों की राजधानियों में भी महसूस किया गया है. भारत में किसानों के विरोध का समर्थन करने के लिए भारतीय प्रवासियों ने लंदन, न्यूयॉर्क और विश्व के अन्य शहरों में एकजुटता में विरोध प्रदर्शन किया है.
किसानों की आड़ में भारत विरोधी तत्वों के प्रदर्शन में शामिल होने के सवाल पर विदेश मंत्री डोमिनीक राब ने कहा कि ब्रिटेन के पास "बहस और विरोध की गौरवशाली परंपरा" है और उसने इस परंपरा को बरकरार रखा है. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में शांतिपूर्ण प्रदर्शन की आजादी है, लेकिन इसकी आड़ लेकर किसी को हिंसा की बात करने, या आतंक को बढ़ावा देने अथवा किसी को नुकसान पहुंचाने का बहाना नहीं मिल सकता है. यह ब्रिटेन में हो या भारत में. हमने इसे लेकर साफ लकीर खींच रखी है.
डोमिनीक राब ने शराब कारोबारी विजय माल्या का प्रत्यर्पण पर भी अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि ब्रिटेन में स्वतंत्र न्यायिक सिस्टम है. उसमें कुछ कानूनी बिंदु हैं. हम इस प्रक्रिया को तेज करना चाहेंगे. राजनीतिक शरण पर उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया एक स्वतंत्र प्रक्रिया के तहत पूरी की जाती है. शरण देने के मामले में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं होता है.
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अमेरिका में भी हुआ प्रदर्शन
अमेरिका में हुए प्रदर्शन में भी खालिस्तानी अलगाववादियों के सदस्यों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को नुकसान पहुंचा दिया था. ग्रेटर वॉशिंगटन डीसी क्षेत्र, मैरीलैंड और वर्जीनिया के आसपास के सैकड़ों लोगों के साथ-साथ न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहियो और नॉर्थ कैरोलिना के लोगों ने शनिवार को भारतीय दूतावास तक कार रैली निकाली थी.