भारतीय रेलवे से हर रोज बड़ी संख्या में लोग यात्रा करते हैं. ट्रेनों में यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कुछ नियम बनाए हैं. ये नियम आपकी सुरक्षा और सुविधा को देखते हुए बनाए गए हैं. हालांकि, कई यात्री ट्रेनों में रेलवे के नियमों का उल्लंघन करते पाए जाते हैं. रेलवे द्वारा ट्वीट कर समय-समय पर यात्रियों के ट्रेन में यात्रा के नियमों की जानकारी भी दी जाती है. रेलवे के नियमों का उल्लंघन आप पर भारी पड़ सकता है.
ट्रेन में बिना वजह ना करें चेन पुलिंग: अक्सर ऐसा देखा जाता है कि यात्री अपनी सुविधा के अनुसार ट्रेन में चेन पुलिंग करते हैं. इस वजह से रेलवे को काफी नुकसान झेलना पड़ता है. चेन पुलिंग से कई बार केवल आर्थिक नुकसान ही नहीं, बल्कि ट्रेन के पटरी से उतर जाने का खतरा भी बढ़ जाता है, जो यात्रियों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है.
बता दें, आपातकालीन स्थिति में चलती ट्रेन को रोकने के लिए हर बोगी में एक चेन की सुविधा होती है, जिसे खींचने पर ट्रेन रुक जाती है. लेकिन ट्रेन में यात्रा कर रहे लोग कई बार बिना आपातकालीन स्थिति के ही चेन पुलिंग करते हैं. रेलवे ने बिना किसी पर्याप्त कारण से ट्रेन की जंजीर खींचकर ट्रेन को लेट ना करने की अपील की है.
रेलवे अधिनियम की धारा 141 के तहत अगर कोई यात्री बिना किसी उचित और पर्याप्त कारण के अलार्म चेन का इस्तेमाल करता है तो उस पर 1,000 रुपये का जुर्माना या एक साल की कैद हो सकती है. कई बार जुर्माने के साथ-साथ जेल भी हो सकती है.
इन बातों का रखें ध्यान
ट्रेन में चेन पुलिंग के नियम के साथ-साथ कुछ नियम ट्रन में यात्रियों के सामान को लेकर भी बनाए गए हैं. ट्रेन में कई चीजें ऐसी ही, जो यात्री अपने साथ लेकर नहीं जा सकते हैं. ट्रेन में यदि कोई यात्री ज्वलनशील पदार्थ जैसे मिट्टी का तेल, पेट्रोल, पटाखे और गैस सिलेंडर आदि जैसी ज्वलनशील सामग्री लेकर चलता है तो फिर यह उल्लंघन है. इसके लिए उसे जेल की हवा भी खानी पड़ सकती है.
रेलवे में अगर कोई यात्री ज्वलनशील वस्तुओं के साथ यात्रा करता है तो फिर उसे तीन साल तक की कैद की सजा हो सकती है. रेलवे के नियम के अनुसार, ट्रेन में ज्वलनशील वस्तुएं ले जाना रेल अधिनियम, 1989 की धारा 164 के अंतर्गत दंडनीय अपराध है. जिसके लिए तीन वर्ष की कैद या हजार रुपये तक का जुर्माना अथवा दोनों सजाएं हो सकती हैं.
ट्रेन में यात्रा के दौरान लगेज संबंधित नियम: यात्रा के दौरान अपने साथ में लगेज ले जाने के संदर्भ में भी रेलवे ने नियम निर्धारित किए हैं. इन नियमों के मुताबिक, पैसेंजर ट्रेन में सफर के दौरान 40 से 70 किलोग्राम तक की सामान लेकर यात्रा कर सकते हैं. अगर आप इससे अधिक सामान लेकर के यात्रा कर रहे हैं तो आपको अलग से इसका शुल्क जमा करना होगा.
इसके अलावा, यात्रियों को ट्रेन में स्वच्छता का ध्यान रखते हुए , बायो टॉयलेट में कचरा या बोतल इत्यादि नहीं डालना चाहिए. टॉयलेट में गंदगी आपकी ही यात्रा को खराब करेगी. वहीं, रेलवे ने एक ट्वीट में ये जानकारी भी दी कि आपको किसी अनजान व्यक्ति से कुछ भी खाने-पीने का सामान नहीं लेना चाहिए. ऐसा करने से आप जहरखुरानी का शिकार हो सकते हैं.
रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक खोल सकते हैं मिडिल सीट: ट्रेन में सफर के दौरान स्लीपर क्लास, 3 एसी क्लास के यात्रियों को मिडिल बर्थ को खोलने-बंद करने को लेकर कई सवाल रहते हैं. रेलवे ने मिडिल बर्थ को खुलने और इसके इस्तेमाल को लेकर भी नियम बनाए हैं. नियमों के मुताबिक रात में 10:00 से सुबह के 6:00 बजे तक मिडिल सीट को खोला जा सकता है. बाकी के समय में अगर कोई यात्री इसे खोलने की बात कर रहा है तो आप इसकी शिकायत रेलवे अथॉरिटी को कर सकते हैं. इसी तरह अगर रात के 10:00 से सुबह के 6:00 बजे के बीच कोई सहयात्री सीट को खोलने नहीं दे रहा है तो भी आप इसकी शिकायत रेलवे अथॉरिटी से कर सकते हैं.