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आतंकी हाफिज अब्दुल मजीद को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत की अर्जी खारिज

आतंकी अब्दुल मजीद ने अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए अदालत से जमानत मांगी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जमानत अर्जी को खारिज कर दिया. मजीद, अरुण कुमार जैन और कुछ अन्य को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की धारा 18, 18 बी और 20 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था.

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सुप्रीम कोर्ट
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स्टोरी हाइलाइट्स
  • माता-पिता की सेवा के लिए मांगी थी जमानत
  • सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
  • हाई कोर्ट ने आतंकी मजीद की सजा रखी थी बरकरार

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यूएपीए के दोषी आतंकवादी हाफिज अब्दुल मजीद की जमानत अर्जी खारिज कर दी. मजीद को कोर्ट ने दोषी करार दिया हुआ है और वह आजीवन कैद की सजा काट रहा है. मजीद ने जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.

दरअसल, आतंकी अब्दुल मजीद ने अपने माता-पिता की सेवा करने के लिए अदालत से जमानत मांगी थी. मजीद, अरुण कुमार जैन और कुछ अन्य को गैरकानूनी गतिविधि अधिनियम की धारा 18, 18 बी और 20 के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराया गया था और फिर आजीवन कारावास की सजा दी गई थी.

इससे पहले, हाईकोर्ट ने आतंकी मजीद की सजा को बरकरार रखा था. बता दें कि मामला यह था कि गिरफ्तार किए गए इन लोगों ने कथित तौर पर गोला-बारूद और जाली भारतीय मुद्रा इकट्ठा की थी और पाकिस्तान में आतंकवादी ट्रेनिंग पाने के लिए एक टीम बनाने की भी कोशिश की थी.

 

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