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तेजस्वी यादव को कोर्ट से मिली विदेश जाने की इजाजत, परिवार के साथ जाएंगे दुबई

कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 18 सितंबर से 8 अक्टूबर तक 20 दिनों के लिए परिवार के साथ दुबई जाने की इजाज़त दी है. कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 25 लाख रुपए की FDR जमा करने के निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने तेजस्वी यादव को अपनी विदेश यात्रा कार्यक्रम के बारे में सारी जानकारी अदालत को सूचित करने का भी निर्देश दिया है.

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तेजस्वी यादव (Photo: ANI)
तेजस्वी यादव (Photo: ANI)

दिल्ली की राउज़ एवेन्यू कोर्ट ने बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और लैंड फॉर जॉब घोटाला मामले में आरोपी तेजस्वी यादव को सपरिवार दुबई जाने की इजाज़त दे दी है. कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 18 सितंबर से 8 अक्टूबर तक 20 दिनों के लिए परिवार के साथ दुबई जाने की इजाज़त दी है.

कोर्ट ने तेजस्वी यादव को 25 लाख रुपए की FDR जमा करने के निर्देश दिया है. साथ ही अदालत ने तेजस्वी यादव को अपनी विदेश यात्रा कार्यक्रम के बारे में सारी जानकारी अदालत को सूचित करने का भी निर्देश दिया है. आदेश के मुताबिक तेजस्वी को दुबई में उनकी यात्रा का विवरण, विदेश यात्रा के दौरान इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबर भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है.

कोर्ट में सरेंडर करना पड़ता है पासपोर्ट

बता दें कि लैंड फॉर जॉब मामले मे तेजस्वी यादव आरोपी हैं. फिलहाल वो और उनके कुछ आरोपी परिजन जमानत पर बाहर हैं. जमानत की शर्तों के तहत तेजस्वी को पासपोर्ट कोर्ट में सरेंडर करना पड़ा है. इसलिए देश से बाहर जाने के लिए उन्हें कोर्ट से इजाजत लेनी होती है. इजाजत मिलने के बाद उनको कोर्ट से अपना पासपोर्ट भी रिलीज कराना होता है.

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क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम?

'लैंड फॉर जॉब' स्कैम उस समय का है, जब लालू यादव रेल मंत्री थे. खबरों के मुताबिक लालू यादव ने रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे में लोगों को नौकरी देने के बदले उनसे जमीन ली थी. लालू यादव 2004 से 2009 तक रेल मंत्री रहे थे. सीबीआई के मुताबिक, ये जमीनें बेहद कम दामों में बेच दी गई थीं. सीबीआई ने ये भी पाया कि जोनल रेलवे में सब्स्टीट्यूट की भर्ती का कोई विज्ञापन या पब्लिक नोटिस जारी नहीं किया गया था. लेकिन, जिन परिवारों ने यादव परिवार को अपनी जमीन दी, उनके सदस्यों को रेलवे में मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में नियुक्ति दी गई. 

ED के मुताबिक, कुछ उम्मीदवारों के आवेदनों को अप्रूव करने में जल्दबाजी दिखाई गई. कुछ आवेदनों को तीन दिनों में ही अप्रूव कर दिया गया था. पश्चिम मध्य रेलवे और पश्चिम रेलवे ने उम्मीदवारों के आवेदनों को बिना पूरे पते के भी अप्रूव कर नियुक्त कर दिया. लालू यादव और उनकी फैमिली ने कथित तौर पर 7 उम्मीदवारों को जमीन के बदले नौकरी दी थी. इनमें से पांच जमीनों की बिक्री हुई थी, जबकि दो गिफ्ट के तौर पर दी गई थी.

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