
26/11 मुंबई हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा को कोर्ट ने 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया है. तहव्वुर राणा को गुरुवार (10 अप्रैल) को भारत लाया गया था. राणा को भारत लाते वक्त काफी ऐहतियात बरती गई. उसे भारत लाते समय चार्टर्ड फ्लाइट ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र (एयर स्पेस) से परहेज किया. सामान्यत: इस रूट की कॉमर्शियल और चार्टर्ड फ्लाइट्स पाकिस्तान के ऊपर से उड़ती हैं, लेकिन तहव्वुर राणा के विमान में सवार रहने के दौरान यह रास्ता बदला गया था.
हालांकि आज सुबह वापसी के दौरान विमान ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र से गुजरते हुए अपने सामान्य मार्ग का ही इस्तेमाल किया और यूएई के एयरपोर्ट पर उतरा. जिस विमान से तहव्वुर राणा को लाया गया वह वियना स्थित एक निजी चार्टर्ड जेट प्रबंधन कंपनी का है.

तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने के लिए एक चार्टर प्लेन The Gulf Stream G-550 का इस्तेमाल किया गया था. इस चार्टर प्लेन को प्रति घंटे के हिसाब से किराए पर लिया गया था. तहव्वुर राणा के साथ भारतीय अधिकारियों ने अमेरिका के मियामी से उड़ान भरी थी, जो करीब 40 घंटे बाद गुरुवार शाम को दिल्ली पहुंची थी. इस बिजनेस जेट का किराया करीब 9 लाख रुपये प्रति घंटा है और इस हिसाब से तहव्वुर राणा को भारत लाने में करीब 4 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं. जबकि मियामी से दिल्ली की फ्लाइट में बिजनेस क्लास का एक टिकट 4 लाख रुपये का है और इस हिसाब से तहव्वुर राणा को भारत लाने के लिए 100 गुना ज्यादा पैसा खर्च हो गया है, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रत्यर्पण के समय चार्टर प्लेन ही किए जाते हैं.

हर 24 घंटे में मेडिकल जांच और हर दूसरे दिन वकील से मिलने की अनुमति
बता दें कि गुरुवार रात को तहव्वुर राणा को कोर्ट में पेश किया गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कोर्ट में दलील दी कि उसे संदेह है कि 26/11 मुंबई हमलों जैसी आतंकी साजिश तहव्वुर राणा ने कई भारतीय शहरों को निशाना बनाने के लिए रची थी. एनआईए ने विशेष न्यायाधीश चंदर जीत सिंह के समक्ष यह दावा किया, जिन्होंने राणा को 18 दिन की एनआईए हिरासत में भेज दिया. अपने आदेश में न्यायाधीश ने एनआईए को हर 24 घंटे में तहव्वुर राणा की मेडिकल जांच करने और उसे हर दूसरे दिन अपने वकील से मिलने की अनुमति देने का निर्देश दिया. न्यायाधीश ने तहव्वुर राणा को केवल सॉफ्ट-टिप पेन का उपयोग करने और एनआईए अधिकारियों की मौजूदगी में अपने वकील से मिलने की अनुमति दी.
NIA ने कोर्ट में दिए ये तर्क
पीटीआई के मुताबिक बहस के दौरान एनआईए ने कहा कि साजिश के पूरे दायरे को एक साथ जोड़ने के लिए तहव्वुर राणा की हिरासत की जरूरत है, और प्रस्तुत किया कि उसे 17 साल पहले हुई घटनाओं को फिर से जानने के लिए विभिन्न स्थानों पर ले जाने की आवश्यकता है. सूत्रों ने बताया कि एनआईए ने न्यायाधीश को बताया कि राणा की लंबी हिरासत इसलिए जरूरी है, ताकि व्यापक पूछताछ की जा सके, ताकि साजिश की गहरी परतों को उजागर किया जा सके. हमें संदेह है कि मुंबई हमलों में इस्तेमाल की गई रणनीति अन्य शहरों में भी अंजाम दिए जाने के लिए बनाई गई थी, ऐसे में ये जानना जरूरी है कि क्या इसी तरह की साजिश कहीं और भी रची गई थी?