तहव्वुर राणा Tahawwur Rana News LIVE: 26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को फाइनली भारत लाया जा चुका है. उसे लेकर आ रहा स्पेशल विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हुआ. इसके बाद उसे एयरपोर्ट से राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) उसे पटियाला हाउस कोर्ट लेकर पहुंची है. इसके बाद तहव्वुर राणा को तिहाड़ जेल में रखा जाएगा, जहां उसकी सुरक्षा को लेकर विशेष इंतजाम किए गए हैं. यहां पढ़िए मामले से जुड़े सभी लेटेस्ट अपडेट्स...
पटियाला हाउस कोर्ट ने तहव्वुर राणा की 18 दिन की कस्टडी मंजूर कर दी है. जांच एजेंसी NIA ने 20 दिन की हिरासत मांगी थी.
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा, "9 अप्रैल को संयुक्त राज्य अमेरिका ने तहव्वुर हुसैन राणा को भारत को प्रत्यर्पित किया, ताकि वह 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों की योजना बनाने में उसकी भूमिका के लिए न्याय का सामना कर सके. इन हमलों के परिणामस्वरूप छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की दुखद मृत्यु हुई, जिसने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया. संयुक्त राज्य अमेरिका ने लंबे समय से भारत के प्रयासों का समर्थन किया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन हमलों के लिए जिम्मेदार लोगों को न्याय के कटघरे में लाया जाए, और जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा है, संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत आतंकवाद के वैश्विक संकट से निपटने के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे. वह उनके कब्जे में है, और हमें उस गतिशीलता पर बहुत गर्व है."
जज अभी अपने चैंबर में मौजूद हैं. आदेश लिखवाया जा रहा है. कुछ देर में कोर्ट में जज आदेश को पढ़ेंगे, जिससे साफ होगा कि तहव्वुर राणा की कितने दिनों की कस्टड़ी NIA को हासिल हुई है. टाइप किए आदेश को पढ़ने के साथ जज उसमें संशोधन और संपादन भी करते हैं. फाइनल मसौदा तैयार होते ही अदालत उसकी घोषणा कर देती है.
एनआईए के वकील ने राणा की पुलिस हिरासत मांगने के लिए उसके द्वारा भेजे गए ईमेल सहित पुख्ता सबूतों का हवाला दिया है. एनआईए के वकील ने अदालत से कहा कि आतंकी योजना का पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ जरूरी है. एनआईए आतंकी हमलों के साजिशकर्ता के रूप में उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है.
कोर्ट ने फिलहाल राणा की कस्टडी का ऑर्डर रिजर्व कर लिया है. कुछ देर में कोर्ट फैसला सुनाएगा.
तहव्वुर राणा की पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी के दौरान NIA ने कोर्ट से 20 दिन की कस्टडी मांगी है. कोर्ट कुछ देर में अपना फैसला सुनाएगी.
एनआईए अभियोजक और वरिष्ठ अधिवक्ता दयान कृष्णन ने अदालत को बताया कि मौजूदा सबूतों और अन्य तथ्यों की पुष्टि के लिए राणा से हिरासत में पूछताछ करने की जरूरत है. फिलहाल कोर्ट दोनों पक्षों की बहस सुन रही है.
तहव्वुर राणा की कस्टडी पर कोर्ट में बहस जारी है. NIA की ओर से वकील दयान कृष्णन ने रिमांड नोट पेश किया जिसमें तहव्वुर राणा के खिलाफ धाराएं बताई गई हैं. सबूतों की भी सूची दी गई है.
तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया है. कोर्ट में सुनवाई जारी है. एनआईए के वकील ने कोर्ट में केस से जुड़े तथ्य रखे. सुनवाई बंद कमरे में हो रही है. अदालत में तहव्वुर राणा, लीगल सर्विस अथॉरिटी से मुहैया कराया गया उसका वकील और NIA की लीगल टीम के अलावा जज और उनके स्टाफ अदालत मे मौजूद हैं. NIA की तरफ से कोर्ट में वरिष्ठ वकील दयान कृष्णन कोर्ट में दलील दे रहे हैं. जज को पूरे केस की जानकारी दी जा रही है.
तहव्वुर राणा को लेकर एनआईए की टीम पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गई है जहां जज के सामने उसकी पेशी होगी. कोर्ट परिसर के अंदर और बाहर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.
एनआईए की टीम तहव्वुर राणा को पालम एयरपोर्ट से लेकर निकल गई है. पटियाला हाउस कोर्ट के रूट पर सभी रेड लाइटें ग्रीन मिलेंगी. राणा की कुछ देर में पटियाला हाउस कोर्ट में पेशी होगी.
जब तहव्वुर राणा को लेकर एजेंसी निकलेगी तो पालम एयर बेस से कर दी जाएगी. अगर एनआईए हेडऑफिस ले जाएगा तब भी रेड लाइट सिग्नल को ग्रीन किया जाएगा. काफिले के लिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए रूट लगाया जाएगा. इस बीच राणा की पहली तस्वीर सामने आई है.

तहव्वुर राणा को एयरपोर्ट से पटियाला हाउस कोर्ट लाने के लिए परेड रोड से होते हुए सरदार पटेल मार्ग, मदर टेरेस क्रिसेंट और अकबर रोड होते हुए अदालत में लाया जा सकता है. (अरविंद ओझा)
एनआईए मुख्यालय को सैनिटाइज किया गया और बाहर डॉग स्क्वायड की टीम पहुंच गई है.मुख्यालय के बाहर एक-एक चीज की जांच की जा रही है. (इनपुट- जितेंद्र बहादुर)
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर अमेरिकी न्याय विभाग की प्रवक्ता निकोल नवास ऑक्समैन ने 'आज तक' से बात करते हुए कहा, 'प्रत्यर्पण 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उन्होंने कहा, 'मैं पुष्टि कर सकती हूं कि कल अमेरिका ने दोषी आतंकवादी तहव्वुर हुसैन राणा को भारत में 2008 के मुंबई आतंकवादी हमलों में उसकी कथित भूमिका से जुड़े 10 आपराधिक आरोपों पर मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित किया है. राणा का प्रत्यर्पण उन छह अमेरिकियों और अन्य पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो इस जघन्य हमले में मारे गए थे.' (इनपुट- नलिनी)
तहव्वुर राणा का मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है. पालम एयरपोर्ट के अंदर ही डॉक्टरों के जरिए मेडिकल चेकअप करवाया जा रहा है, ये लीगल प्रोसेस का हिस्सा है. (इनपुट-अरविंद ओझा)
एडवोकेट पीयूष सचदेवा कोर्ट में तहव्वुर राणा का प्रतिनिधित्व करेंगे. दिल्ली राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एडवोकेट पीयूष सचदेवा को नियुक्त किया गया है. पीयूष सचदेवा कोर्ट में आ गए हैं. उन्होंने सुरक्षा चिंताओं के कारण अपनी तस्वीरें प्रसारित न करने का अनुरोध किया है.
विशेष NIA जज चंदरजीत सिंह थोड़ी देर में कोर्ट पहुंच सकते हैं. विशेष एनआईए जज चंदर जीत सिंह कार्यवाही की अध्यक्षता करेंगे. तहव्वुर राणा को शारीरिक रूप से कोर्ट में पेश किए जाने की प्रबल संभावना है. पटियाला हाउस कोर्ट में तहव्वुर राणा को पेश किया जाएगा. सरकारी वकील NIA कोर्ट में मौजूद हैं. वहीं, एनआईए मुख्यालय पर सुरक्षा बढ़ाई जा रही है. आसपास भारी संख्या में बैरिकेड्स लगाए जा रहे हैं. एनआईए मुख्यालय पर पुलिस की मौजूदगी बढ़ाई गई है.
कुछ ही देर में एनआईए की स्पेशल कोर्ट में तहव्वुर राणा को पेश किया जाएगा. NIA की अधिकारी DIG जया राय और SP NIA प्रभात कुमार और IG NIA आशीष बत्रा इस टीम को लीड कर रहे है. (इनपुट- जितेंद्र बहादुर)
आतंकी तहव्वुर राणा को लेकर आया विशेष विमान दिल्ली के पालम एयरपोर्ट पर लैंड हो गया है. एनआईए की टीम एयरपोर्ट पर मौजूद है जो राणा को अपनी कस्टडी में लेगी. इसके बाद राणा को मेडिकल के लिए ले जाया जाएगा.
विशेष एनआईए जज का कोर्ट स्टाफ कोर्ट में पहुंच गया है. कोर्ट के आसपास सुरक्षा भी बढ़ा दी गई है. संभावना है कि उसे एनआईए कोर्ट में पेश किया जा सकता है. कोर्ट रूम के करीब भी किसी को जाने की इजाजत नहीं दी जा रही है. (इनपुट- सृष्टि ओझा)
तहव्वुर राणा को लेकर विशेष विमान शाम 6:22 बजे पालम में उतरेगा. सूत्रों के अनुसार, तहव्वुर राणा को अधिकारियों के साथ लेकर एक विशेष अमेरिकी विमान - गल्फस्ट्रीम जिसका कॉल साइन AOJ 96M है, दिल्ली में एविएशन रिसर्च सेंटर पालम एयर बेस पर उतरने वाला है.
26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण पर भाजपा विधायक राम कदम ने कहा, "यह इस देश के प्रत्येक नागरिक के लिए गर्व का क्षण है और यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक बड़ी कूटनीतिक जीत है... अगर राजनीतिक इच्छाशक्ति हो, तो सब कुछ संभव है और इसी वजह से हम उसे वापस लाने में सक्षम हैं. कांग्रेस सरकार उसे वापस क्यों नहीं ला पाई?... यह उन परिवारों के साथ न्याय है जो मुंबई हमले में मारे गए...
नई दिल्ली बार एसोसिएशन ने तहव्वुर राणा के मामले पर बयान जारी करते हुए कहा, 'हमारा बार एसोसिएशन यह सुनिश्चित करेगा कि परिसर में कानून और व्यवस्था में कोई व्यवधान न हो या न्यायिक कार्यवाही में कोई रुकावट न हो. चूंकि हम मामले की गंभीरता और गंभीरता के प्रति सतर्क हैं. यह मुद्दा सीधे तौर पर हमारे देश की अखंडता से जुड़ा हुआ है, इसलिए नई दिल्ली बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों के रूप में, हमारी कार्यकारी समिति हमारे देश के कानून का पालन करते हुए निष्पक्ष और पारदर्शी कार्यवाही सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है.'
सूत्रों के मुताबिक, तहव्वुर राणा पर दिल्ली में मुकदमा चलाने की तैयारी हो रही है.26/11 हमलों से संबंधित केस फाइलें और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड दिल्ली की विशेष एनआईए कोर्ट में पहुंच गए हैं. केस फाइलें और ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड हाल ही में जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव के कोर्ट स्टाफ को मिले हैं. जज यादव ने जनवरी में आदेश दिया था कि सभी ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड मुंबई से दिल्ली भेजे जाएं. एनआईए ने जिला न्यायाधीश विमल कुमार यादव के समक्ष एक आवेदन दायर कर तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के मद्देनजर ट्रायल कोर्ट के रिकॉर्ड तलब करने की मांग की थी.
अमेरिका से प्रत्यर्पित करके लाया जा रहा तहव्वुर राणा का प्लेन दिल्ली एयरपोर्ट पर लैंड होगा. NIA ने उसे गिरफ्तार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यहां पहुंचने के बाद उसे NIA हेडक्वार्टर ले जाया जाएगा और पूछताछ शुरू होगी.
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26/11 हमले का अभियुक्त तहव्वुर राणा को लेकर आर रहा स्पेशल विमान इंडियन एयरस्पेस में दाखिल हो चुका है. थोड़ी देर में भारत में लैंड होगा. तहव्वुर राणा को एनआईए हेडक्वार्टर ले जाने के लिए पालम एयरपोर्ट पर कई एजेंसियों की टीम मौजूद हैं.
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तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने से पहले पालम टेक्निकल एयरपोर्ट में एक पूरा कॉन्वॉय अंदर गया है. इसमें चार इनोवा, दो सफारी, जैमर और बम निरोधक दस्ता भी शामिल था. बता दें कि थोड़ी ही देर में तहव्वुर राणा के भारत पहुंचने की उम्मीद है. वह अमेरिका से प्रत्यर्पित करके लाया जा रहा है.
तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के पर पाकिस्तान की तरफ से पहला बयान आया है. पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से खुद को अलग किया है. पाकिस्तान विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, "तहव्वुर राणा ने पिछले दो दशकों में अपने पाकिस्तानी दस्तावेजों का नवीनीकरण नहीं कराया है, उसकी कनाडाई नागरिकता बहुत साफ है.
बता दें कि पाकिस्तान खुद को इसलिए अलग कर रहा है क्योंकि तहव्वुर राणा पाकिस्तानी सेना/आईएसआई का अंदरूनी सूत्र है, जो अब मुंबई 26/11 हमलों की साजिश में पाकिस्तान की प्रत्यक्ष भूमिका के बारे में खुलासा करेगा.
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कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, "तहव्वुर राणा अमेरिका में कानूनी प्रक्रिया से गुजरा है. मुझे याद है कि चिदंबरम ने राणा के अपराध और पूरी साजिश को साबित करने के लिए हज़ारों पन्नों का दस्तावेज़ दिया था. पिछली सरकार ने भी प्रयास किए थे. बीजेपी को हर किसी का श्रेय लेने की आदत है."
(इनपुट- राहुल गौतम)
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केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण कहा कि कांग्रेस सरकार के वक्त ताज होटल पर आतंकी हमला हुआ था, लोगों की जान गई थी लेकिन कांग्रेस सरकार ने आरोपियों के खिलाफ कुछ नहीं किया था. इसके उलट कांग्रेसी अजमल कसाब को बिरयानी खिला रहे थे. मोदी का संकल्प था कि आरोपियों को सजा दिलाएंगे. मुंबई वाले मोदी जी के कृतज्ञ हैं.
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तहव्वुर राणा कुछ घंटों में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंच जाएगा. इससे पहले दिल्ली में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था लागू कर दी गई है. एनआईए मुख्यालय के आस-पास के इलाकों में भी सुरक्षा को लेकर सख्ती कर दी गई है. जवाहरलाल नेहरू मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 2 को बंद कर दिया गया है. गौरतलब है कि जेएलएन मेट्रो स्टेशन के पास ही एनआईए का हेडक्वार्टर स्थित है.
एनआईए हेडक्वार्टर के बाहर बड़ी तादाद में सुरक्षा बलों का दस्ता मौजूद है.
इसके अलावा दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बता दें कि तहव्वुर राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया जाना है.
भारत अमेरिका के बीच हुआ 2023 का समझौता बना, जो 26/11 आतंकी तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की बड़ी वजह बना. इस समझौते के तहत पिछले डेढ़ साल में भारत ने अमेरिका से तहव्वुर राणा के बारे में कई अहम जानकारियां साझा की थी. इन जानकारियों के आधार पर अमेरिकी एजेंसियों ने भारतीय एजेंसियों को अमेरिका में कई अहम कागजात मुहैया करवाए, जिन्हें अमेरिका की कोर्ट में पेश किया गया.
इस जानकारी में 2023 में भारत-अमेरिका के बीच उस समझौते का भी जिक्र था, जिसमें दोनों देशों के बीच सहमति बनी थी. समझौते यह बात भी शामिल थी कि सक्रिय अपराधियों के बारे में जानकारी दोनों देश आपस में साझा करेंगे.
(इनपुट- जितेंद्र बहादुर)
26/11 के आतंकी तहव्वुर राणा को बुलेट प्रूफ गाड़ी में पालम टेक्निकल एयरपोर्ट से एनआईए हेडक्वॉक्टर लाया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, बुलेट प्रूफ गाड़ी के साथ मार्क्समेन गाड़ी को भी स्टैंडबाय में रखा गया है. दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के कमांडोज इस गाड़ी के साथ भी स्टैंडबाय पर हैं. मार्कसमेन बेहद सुरक्षित गाड़ी होती है, जिसमें किसी तरह का हमला कारगर नही हो सकता. बड़े आतंकियों और गैंगस्टर्स को इसी गाड़ी से स्पेशल सेल कोर्ट और एजेंसी के दफ्तर लाने और ले जाने के लिए इस्तेमाल करती है.
(इनपुट- अरविंद ओझा)
अक्टूबर 2009 में, तहव्वुर राणा और हेडली को अमेरिकी अधिकारियों ने डेनमार्क में जाइलैंड्स-पोस्टेन अखबार के आफिस पर हमला करने की कथित साजिश के लिए गिरफ्तार किया था, जिसने कार्टून पब्लिश किए थे. इस जांच से मुंबई हमलों में उसकी संलिप्तता का पता चला. जून 2011 में, अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में तीन सप्ताह की सुनवाई के बाद, राणा को लश्कर-ए-तैयबा को मदद करने और डेनिश अखबार के खिलाफ विफल साजिश में उसकी भूमिका के लिए दोषी ठहराया गया था.
तहव्वुर राणा को अमेरिकी अदालत में मुंबई हमलों में प्रत्यक्ष भागीदारी के आरोपों से मुक्त कर दिया गया था, फिर भी उसे 17 जनवरी, 2013 को 14 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाते समय जज ने साजिश को "कायरतापूर्ण" कहा था. इस बीच, हेडली ने 12 आतंकवाद के आरोपों में दोषी होने की दलील दी और उसे 35 साल की जेल की सजा सुनाई गई. अधिकारियों के साथ हेडली के सहयोग, जिसमें राणा के खिलाफ गवाही देना भी शामिल था - उसे मौत की सजा और प्रत्यर्पण से बचने में मदद की.
राणा के खिलाफ सबूत पर्याप्त थे. मुकदमे के दौरान, रिकॉर्ड की गई बातचीत के टेप पेश किए गए, जिनमें सितंबर 2009 के टेप भी शामिल थे. अन्य बातचीत में, राणा ने हेडली से कहा था कि मुंबई हमलों में शामिल हमलावरों को पाकिस्तान का सर्वोच्च मरणोपरांत सैन्य सम्मान मिलना चाहिए, जिससे आतंकवादियों की कार्रवाइयों के प्रति उसके समर्थन का पता चलता है.
भारत ने तहव्वुर राणा को कानूनी सजा देने के लिए तमाम तैयारियां की हैं. भारत से एनआईए के इंसपेक्टर जनरल रैंक के अधिकारी आशीष बत्रा के नेतृत्व में एक मल्टी-एजेंसी टीम तहव्वुर राणा को हिरासत में लेने के लिए अमेरिका गई थी. टीम में सब-इंसपेक्टर जनरल रैंक की अधिकारी जया रॉय और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के साथ-साथ तीन खुफिया एजेंसी के अधिकारी शामिल हैं. वे रविवार को "आत्मसमर्पण वारंट" की पुष्टि प्राप्त करने के बाद अमेरिका के लिए रवाना हुए, जिसके तहत राणा को भारतीय अधिकारियों को सौंपा गया.
भारत पहुंचने पर, तहव्वुर राणा को हिरासत के लिए नई दिल्ली में एनआईए अदालत में पेश किया जाएगा. पूछताछ और जांच के शुरुआती कुछ हफ्तों तक उसके एनआईए की हिरासत में रहने की उम्मीद है. बाद में, मुंबई क्राइम ब्रांच मुंबई हमलों की आगे की जांच के लिए उसकी हिरासत की मांग करेगी. नामित जेलों में हाई सिक्योरिटी की व्यवस्था की गई है, जिसमें राणा की गतिविधियों पर 24/7 निगरानी रखने के लिए इन-बिल्ट बाथरूम सुविधाओं के साथ सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं.
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तहव्वुर राणा पाकिस्तान में बड़ा हुआ और अपनी मेडिकल डिग्री के बाद पाकिस्तानी सेना की मेडिकल कोर में शामिल हो गया. पाकिस्तान से उसका संबंध उसके जन्म और शिक्षा से परे है - उसने पाकिस्तानी खुफिया सेवाओं और आतंकवादी संगठनों के साथ गहरे संबंध बनाए रखा. जांच के मुताबिक, तहव्वुर राणा न सिर्फ एक निष्क्रिय भागीदार था, बल्कि मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) का एक सक्रिय कार्यकर्ता था.
अदालत में पेश किए गए सबूतों से पता चला कि राणा और हेडली ने अमेरिका में रहते हुए पाकिस्तान स्थित षड्यंत्र रचने वालों के साथ अपने संपर्कों को छिपाने के लिए जानबूझकर कदम उठाए. चूंकि राणा ने सेना छोड़ दी थी, इसलिए हेडली ने मेजर इकबाल के माध्यम से उसे मदद का आश्वासन दिया, जिससे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के साथ उनके संबंधों की और पुष्टि हुई. राणा, हेडली और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के बीच संबंध इतने मजबूत थे कि हेडली ने गवाही दी कि एजेंसी ने लश्कर को सैन्य और नैतिक समर्थन प्रदान किया था.
भारत की अपनी यात्राओं के दौरान, हेडली ने राणा के साथ टेलीफोन पर नियमित रूप से संपर्क किया - अपनी पहली यात्रा के दौरान 32 से अधिक कॉल किए, और बाद की यात्राओं में भी इसी तरह की संख्या में फोन किए. ये बातचीत षड्यंत्रकारियों के बीच चल रही प्लानिंग का खुलासा करता है. ISI अधिकारी मेजर इकबाल ने हेडली के भारत में रहने के दौरान राणा के साथ टेलीफोन और ईमेल के माध्यम से संपर्क किया, जो पाकिस्तान में षड्यंत्रकारियों के साथ सीधे संपर्क से बचने की उनकी मूल योजना से अलग था.
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26 नवंबर, 2008 को, दस पाकिस्तानी आतंकवादियों ने मुंबई में हमले किए, जिसमें ताज महल पैलेस होटल, ओबेरॉय ट्राइडेंट, लियोपोल्ड कैफे, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस और नरीमन हाउस (यहूदी आउटरीच सेंटर) सहित कई स्थानों को निशाना बनाया गया. घेराबंदी 60 घंटे स ज्यादा समय तक चली, जिसकी वजह से छह अमेरिकियों सहित 166 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. हमलों की योजना तहव्वुर राणा और हेडली दोनों की मदद से बनाई गई थी, जिसने टार्गेट सेट किए और उसकी निगरानी की.
हेडली ने टार्गेटेड लोकेशंस पर निगरानी करने के लिए 2007 और 2008 के बीच मुंबई की पांच लंबी यात्राएं कीं और प्रत्येक यात्रा से पहले, उसे लश्कर के सदस्यों से निर्देश मिले. प्रत्येक टोही मिशन के बाद, वह लश्कर के सदस्यों से मिलने और निगरानी वीडियो सहित अपने निष्कर्षों को साझा करने के लिए पाकिस्तान भी जाया करता था. तहव्वुर राणा के इमीग्रेशन बिजनेस ने इन गतिविधियों के लिए सही कवर प्रदान किया.
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भारत ने राणा की प्रत्यर्पण की मांग 2018 में की थी. कानूनी लड़ाई के बाद फरवरी 2024 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने औपचारिक रूप से राणा के भारत प्रत्यर्पण की घोषणा की. हालांकि राणा ने अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट में इस पर रोक की मांग की, लेकिन उसकी याचिका खारिज कर दी गई. अब उस पर भारत की विशेष एनआईए अदालत में मुकदमा चलेगा, और उसे 2008 के उस आतंकी हमले के लिए न्याय के कठघरे में खड़ा किया जाएगा, जिसमें 166 निर्दोष लोगों की जान गई थी.
तहव्वुर राणा पाकिस्तान सेना का पूर्व कप्तान और कनाडा-निवासी व्यवसायी है. उस पर आरोप है कि उसने अमेरिका में अपनी इमिग्रेशन फर्म का दुरुपयोग कर 26/11 हमले के सह-षड्यंत्रकारी डेविड हेडली को फर्जी दस्तावेज़ उपलब्ध कराए, जिनका उपयोग मुंबई में रेकी के लिए किया गया. उसने नवंबर 2008 में खुद भी मुंबई की यात्रा की थी. बताया जाता है कि उसने पवई स्थित होटल रेनैसांस में ठहरकर हमले की लॉजिस्टिक तैयारियों की समीक्षा की थी.
इस हाई-प्रोफाइल मामले की सुनवाई दिल्ली स्थित विशेष एनआईए अदालत में होगी. फरवरी 2024 में पटियाला हाउस कोर्ट ने मुंबई हमलों से संबंधित ट्रायल रिकॉर्ड वापस मंगवाए थे. यह फैसला NIA की उस याचिका पर लिया गया था, जिसमें मुंबई से सभी केस रिकॉर्ड दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की गई थी. अब चूंकि केस की सुनवाई दिल्ली में होगी, राणा को मुंबई नहीं ले जाया जाएगा.