तहव्वुर राणा ने पाकिस्तानी आतंकी कसाब के साथ मिलकर ऐसा खूनी खेल खेला था कि मुंबई का समंदर बेगुनाहों के खून से लाल हो गया था. अब उसी तहव्वुर राणा को मोदी सरकार अपनी कूटनीति का इस्तेमाल करते हुए उसे अमेरिका से भारत खींच लाई है. अब आतंकी तहव्वुर राणा के गुनाहों का पूरा हिसाब होने वाला है.
एनआईए की टीम के सामने तहव्वुर राणा पहले गिड़गिड़ाएगा फिर अपने काले कारनामों का कबूलनामा करेगा.26-11 हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा का नया पता अब दिल्ली की तिहाड़ जेल होगा. माना जा रहा है कि, तहव्वुर राणा का कबूलनामा एक बार फिर पाकिस्तान के नापाक चेहरे को बेनकाब करेगा.
क्रेडिट लेने की होड़
इस बीच तहव्वुर राणा को भारत लाने को लेकर क्रेडिट लेने की होड़ भी शुरू हो गई है. तहव्वुर के भारत आने के बाद बीजेपी कह रही है कि, ये मोदी सरकार है जहां आतंकियों को मुंहतोड़ जवाब दिया जाता है जबकि कांग्रेस के कार्यकाल में 26-11 हमले के दोषी अजमल कसाब को बिरयानी खिलाई जाती थी. इस आरोप पर कांग्रेस बिफर गई. कांग्रेस कह रही है कि, बीजेपी सरकार इसे चुनाव में भुनाने की जगह पाकिस्तान में बैठे मोस्ट वांटेड आतंकी दाऊद इब्राहिम को भी भारत लाए.
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यह एक ऐसा मुद्दा है कि विपक्ष ना तो सरकार की आलोचना कर पा रहा है और सरकार की पीठ थपथपाने का तो सवाल ही नहीं उठता. कांग्रेस कह रही है कि, राणा को फांसी देकर उसका अध्याय समाप्त किया जाए ना कि, चुनावों में उसके नाम पर वोट बटोरे जाएं. कांग्रेस नेता विजय वेडट्टीवार ने कहा, 'राणा को लाओ और तुरंत फांसी दो. राजनीति नहीं होनी चाहिए. आने वाले चुनावों में सरकार उसका नाम लेकर वोट नहीं बटोरे. बीजेपी सिर्फ राजनीति कर रही है. पाकिस्तान में दाऊद बैठा है उसको भी पकड़ो.'
पवार की एनसीपी ने की मोदी सरकार की तारीफ
वहीं, शरद पवार की एनसीपी ने राणा के प्रत्यर्पण को मोदी सरकार की बड़ी उपलब्धि बताया. लेकिन कांग्रेस कह रही है कि, ये एक दिन में नहीं हो गया लेकिन बीजेपी ऐसे दिखा रही जैसे 2014 से पहले देश में कुछ हुआ ही नहीं. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, 'ये तो सियासत है लेकिन 26/11 हमले के पीड़ितों और शहीद हुए जांबाजों के परिजन कह रहे हैं कि, तहव्वुर राणा को जल्द से जल्द फांसी दी जाए.'
मुंबई हमले में कई लोगों की जान बचाने वाले मोहम्मद तौफीक ने भी कहा कि, राणा को जेल में आतंकी कसाब की तरह बिरयानी और सुविधाएं देने की कोई जरूरत नहीं है. तौफीक ने कहा, 'तहव्वुर राणा तो भारत आ गया लेकिन अभी देश को दहलाने वाले कई ऐसे मोस्टवांटेड आतंकी हैं, जो अभी भी पाकिस्तान में चैन की जिंदगी जी रहे हैं. सवाल है क्या मुंबई को 1993 में सीरियल बम धमाकों से दहलाने वाला दाऊद इब्राहिम भी अब भारत लाया जा सकेगा.'
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पीयूष गोयल बोले- मुंबई वाले मोदी जी के कृतज्ञ है
वहीं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण को लेकर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'कांग्रेस सरकार के समय ताज होटल पर आतंकी हमला हुआ था. लोगों की जानें गई थीं लेकिन कांग्रेस सरकार ने आतंकवादियों के खिलाफ कुछ नहीं किया था. उल्टा अजमल कसाब को कांग्रेसी बिरयानी खिला रहे थे. मोदी का संकल्प था कि सजा दिलाएंगे आरोपियों को. मुंबई वाले मोदी जी के कृतज्ञ है.'
राणा का प्रत्यर्पण वास्तव में भारतीय सरकार के लिए एक उपलब्धि है. अमेरिका ने बहुत अधिक समय लिया. उसे पहले ही प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए था. हमें यह मनाना होगा कि अब हम इस मामले में न्याय कर सकेंगे. यह मामला पूरे विश्व के लिए महत्वपूर्ण है. हमें सुनिश्चित करना होगा कि हमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार उचित सुनवाई मिले...मुझे यकीन है कि जांच टीम बेहतर करेगी अगर इसे कानूनी रूप से जांचा जाए और सुनवाई उचित तरीके से की जाए...."