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सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं...राजद्रोह कानून पर रोक के बाद राहुल गांधी ने केंद्र पर साधा निशाना

Supreme court puts Sedition Law on hold: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाते हुए कहा, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है. इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है.

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राहुल गांधी (फाइल फोटो)
राहुल गांधी (फाइल फोटो)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून के इस्तेमाल पर लगाई रोक
  • राहुल गांधी बोले- सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून (Sedition Law) के इस्तेमाल पर बुधवार को रोक लगा दी है. कोर्ट के इस फैसले के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने कहा, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं. 

राहुल गांधी ने राजद्रोह कानून पर रोक से संबंधित खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, सच बोलना देशभक्ति है, देशद्रोह नहीं. सच कहना देश प्रेम है, देशद्रोह नहीं. सच सुनना राजधर्म है, सच कुचलना राजहठ है. डरो मत! 

क्या है मामला?

सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह कानून यानी 124ए के इस्तेमाल पर रोक लगाते हुए कहा कि पुनर्विचार तक इस कानून के तहत नया मामला दर्ज न किया जाए. केंद्र इसे लेकर राज्यों को निर्देश जारी करेगा. कोर्ट ने कहा, इस कानून के तहत जो मामले लंबित हैं उनपर यथास्थिति रखी जाए. साथ ही कोर्ट ने कहा है कि जिनके खिलाफ राजद्रोह के आरोप में मुकदमे चल रहे हैं और वो इसी आरोप में जेल में बंद हैं वो जमानत के लिए अदालतों में अर्जी दाखिल कर सकते हैं. अब इस मामले की सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी. 

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केंद्र ने कहा- कानून पर न लगाई जाए रोक 

सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को राजद्रोह कानून (Sedition Law) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कानून पर रोक न लगाने की मांग करते हुए कहा कि केंद्र की ओर से राज्यों को स्पष्ट निर्देश होगा कि बिना जिला पुलिस कप्तान यानी एसपी या उससे ऊंचे स्तर के अधिकारी की मंजूरी के राजद्रोह की धाराओं में एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी. 

वहीं, याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट से मांग रखी थी कि राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है. कोर्ट ने राजद्रोह कानून पर रोक लगाते हुए कहा, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा सर्वोपरि है. इस कानून का दुरुपयोग हो रहा है.

 

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