सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को उस याचिका पर सुनवाई करेगा जिसमें कोरोना के मामलों में बढ़ोतरी के मद्देनजर 12वीं के बोर्ड एग्जाम रद्द करने की मांग की गई है. वकील ममता शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में मांग की गई है कि तय समय सीमा के भीतर 12वीं के लिए ऑब्जेक्टिव मेथड पर आधारित नतीजों की घोषणा होनी चाहिए. याचिका में कहा गया है कि कोरोना की वजह से 12वीं के बोर्ड एग्जाम सुरक्षित तरीके से करा पाना संभव नहीं है, इसलिए एग्जाम को रद्द किया जाए.
इस याचिका में सीबीएसई और आईसीएसई को पक्षकार बनाया गया है और 12वीं बोर्ड की परीक्षा रद्द करने की मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोरोना महामारी के कारण ऑनलाइन या ऑफलाइन तरीके से परीक्षा करा पाना संभव नहीं है. नतीजों में देरी की वजह से विदेशी यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन लेने वाले छात्रों को नुकसान होगा. इसलिए ऑब्जेक्टिव मेथड के जरिए नतीजों की घोषणा की जानी चाहिए.
10वीं बोर्ड की परीक्षाएं पहले ही रद्द हो चुकी हैं और 12वीं बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर 1 जून को ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स की बैठक होनी है. इसी बैठक में 12वीं के एग्जाम को लेकर फैसला होना है. कभी खुद शिक्षक रहे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इस बैठक की अगुआई करेंगे.
बहरहाल, महामारी के कारण छात्रों और अभिभावकों के एक धड़े ने परीक्षा रद्द करने की मांग के बीच सीबीएसई ने ये भी कहा कि 12वीं की बोर्ड परीक्षा के संबंध में उसने अब तक कोई निर्णायक फैसला नहीं किया है.
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सीबीएसई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''ये स्पष्ट किया जाता है कि 12वीं बोर्ड परीक्षा को लेकर ऐसा (रद्द करने संबंधी) कोई फैसला नहीं लिया गया है जिसके बारे में अटकलें लगाई जा रही हैं. इस मामले में कोई फैसला लिए जाने पर इसकी अधिकारिक रूप से जानकारी दी जाएगी."
इससे पहले बोर्ड ने कोरोना महामारी के मद्देनजर 14 अप्रैल को 10वीं बोर्ड परीक्षा रद्द करने और 12वीं बोर्ड परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की थी. इस बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई उच्च स्तरीय बैठक में फैसला लिया गया था. बोर्ड परीक्षा आमतौर पर हर साल फरवरी-मार्च महीने में आयोजित की जाती है जबकि इस साल इसका कार्यक्रम 4 मई से शुरू हो रहा था.
वहीं, सीबीएसई ने इसी महीने 10वीं बोर्ड परीक्षा के संबंध में अंक देने की नीति की घोषणा की थी. इसके तहत हर एक विषय में 20 नंबर आंतरिक मूल्यांकन और 80 नंबर साल में हुए विभिन्न टेस्ट या परीक्षा में छात्रों के प्रदर्शन के आधार पर दिए जाएंगे.