एक प्राइवेट स्कूल के 8वीं कक्षा के छात्र ने शनिवार को स्कूल बिल्डिंग से कूदकर आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार, घटना सुबह 9:30 बजे की है, जब एक फिजिकल एजुकेशन टीचर ने कथित तौर पर 14 वर्षीय छात्र को अन्य बच्चों के सामने डांटा और थप्पड़ मारा.
क्या है मामला?
पुलिस के मुताबिक, छात्र पर आरोप था कि उसने कक्षा में लगे सीसीटीवी कैमरे की दिशा बदल दी थी. इस पर टीचर ने उसे डांटा और कथित रूप से थप्पड़ भी मारा. इससे आहत होकर छात्र ने बाद में टीचर से वॉशरूम जाने की अनुमति मांगी, लेकिन इसके बजाय वह स्कूल की चौथी मंजिल पर गया और कूदकर जान दे दी.
छात्र की मौत और सुसाइड नोट बरामद
घायल छात्र को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस को छात्र की किताब में एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें उसने अपनी मां से माफी मांगते हुए लिखा कि वह अपनी जिंदगी खत्म कर रहा है.
हाल के दिनों में छात्रों की आत्महत्या के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यह एक गंभीर और चिंताजनक मुद्दा बनता जा रहा है. परीक्षा के दबाव, मानसिक तनाव, पारिवारिक समस्याओं, शिक्षकों की सख्ती और कम्पटीशन के बढ़ते दबाव के कारण कई छात्र आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठा रहे हैं. खासकर स्कूलों और कॉलेजों में पढ़ाई से जुड़े तनाव और असफलता के डर ने यह स्थिति और भी गंभीर बना दी है.
इस समस्या से निपटने के लिए मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता, काउंसलिंग, छात्रों के साथ बातचीत और शिक्षकों व अभिभावकों की ओर से संवेदनशील व्यवहार बेहद जरूरी है. अगर किसी छात्र में मानसिक तनाव या अवसाद के लक्षण दिखें, तो समय रहते उनकी मदद की जानी चाहिए.
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