प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शिकोहपुर जमीन सौदा मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी के पति और कारोबारी रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ एक सप्लीमेंट्री प्रोक्यूटेशन कंप्लेंट (चार्जशीट) दायर की है. ये मामला हरियाणा के शिकोहपुर गांव में 3.2 एकड़ जमीन से जुड़ा है, जिसमें भ्रष्टाचार, जालसाजी और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं. वहीं, इस मामले में ईडी ने 36 करोड़ की 43 प्रॉपर्टी अटैच कर ली हैं.
ईडी द्वारा दायर ये सप्लीमेंट्री चार्जशीट इस मामले में एक महत्वपूर्ण कदम है. ये चार्जशीट जांच के दौरान सामने आए नए सबूतों और फैक्ट पर आधारित है जो इस मामले को और मजबूत करता है. इससे पहले की गई जांच में रॉबर्ट वाड्रा और अन्य आरोपियों से कई बार पूछताछ की जा चुकी है.
ईडी की जांच का मुख्य केंद्र डीएलएफ, स्काईलाइट हॉस्पिटैलिटी (जो रॉबर्ट वाड्रा से जुड़ी कंपनी है) और ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज के बीच हुए कथित वित्तीय लेनदेन हैं. जांच एजेंसी ने इन लेनदेन में अनियमितताओं और संदिग्ध गतिविधियों का दावा किया है. ईडी का कहना है कि इस सौदे में नियमों का उल्लंघन किया गया और इसमें बड़े पैमाने पर वित्तीय हेराफेरी की गई है.
ED ने कुर्क की 36 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति
वहीं, शिकोहपुर भूमि सौदा मामले में ED ने रॉबर्ट वाड्रा और उनकी संस्थाओं से जुड़ी 36 करोड़ रुपये से अधिक कीमत की 43 संपत्तियां कुर्क कर ली हैं.
अधिकारी ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस ने 01.09.2018 को एफआईआर संख्या 288 दर्ज की थी, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा द्वारा अपनी कंपनी मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड के जरिए से 12.02.2008 को मेसर्स ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड से फर्जी घोषणा के माध्यम से गुरुग्राम के सेक्टर 83, शिकोहपुर गांव में स्थित 3.53 एकड़ जमीन की धोखाधड़ी से खरीद का आरोप लगाया गया था.
अधिकारी ने बताया कि वाड्रा ने अपने व्यक्तिगत प्रभाव से उक्त ज़मीन पर व्यावसायिक लाइसेंस भी प्राप्त कर लिया था. इस मामले में 16.07.2025 को एक अनंतिम कुर्की आदेश जारी किया गया है, जिसके तहत वाड्रा और उनकी कंपनियों यानी मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड और अन्य से संबंधित 37.64 करोड़ रुपये की 43 अचल संपत्तियां कुर्क की गई हैं.
11 व्यक्तियों-संस्थाओं के खिलाफ शिकायत दायर
इसके बाद 17.07.2025 को राउज़ एवेन्यू कोर्ट में 11 व्यक्तियों/संस्थाओं के खिलाफ एक अभियोजन शिकायत भी दायर की गई, जिसमें रॉबर्ट वाड्रा, मेसर्स स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड व अन्य समेत उनकी संस्थाएं, सत्यानंद याजी और केवल सिंह विर्क, मेसर्स ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड सहित उनकी संस्था को आरोपी बनाया गया है. हालांकि, कोर्ट द्वारा उक्त अभियोजन शिकायत पर अभी तक संज्ञान नहीं लिया गया है.
क्या है मामला
दरअसल, सितंबर 2018 में रॉबर्ट वाड्रा ने तत्कालीन हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, रियल एस्टेट कंपनी DLF और एक प्रॉपर्टी डीलर के खिलाफ भ्रष्टाचार, जालसाजी, और धोखाधड़ी के आरोपों में FIR दर्ज की गई थी. ये मामला शिकोहपुर गांव में 3.2 एकड़ जमीन की एक लीड से संबंधित है, जिसमें कथित तौर पर अनियमितताएं बरती गईं थी.
ED ने 5 घंटे की वाड्रा से पूछताछ
इससे पहले सूत्रों ने बताया कि ईडी ने सोमवार को ब्रिटेन स्थित हथियार सलाहकार संजय भंडारी और कुछ अन्य से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में रॉबर्ट वाड्रा से करीब पांच घंटे तक पूछताछ की.
सूत्रों का कहना है कि वाड्रा को पूछताछ के लिए फिर से बुलाया जा सकता है, क्योंकि वह भंडारी और उसके परिवार के सदस्यों के साथ अपने वित्तीय संबंधों के बारे में कुछ सवालों के जवाब देने में कथित तौर पर विफल रहे हैं.
वहीं, पिछले महीने भी एजेंसी ने उन्हें इस मामले में पूछताछ के लिए दो बार बुलाया था, लेकिन उन्होंने अपने समन को स्थगित करने की मांग की थी, क्योंकि पहले समन के दौरान उन्होंने अस्वस्थ होने की बात कही थी और बाद में स्थानीय अदालत से मंजूरी लेने के बाद उन्हें विदेश यात्रा करनी पड़ी थी.