हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. राज्यसभा चुनाव से ये साफ हो चुका है. राज्यसभा चुनाव में जिस तरह से कांग्रेस के 6 विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग की, उससे उनकी 'नाराजगी' साफ नजर आ रही है.
ऐसे में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के पास सरकार बचाने की चुनौती भी है. हालांकि, सुक्खू ने बागी विधायकों की वापसी की उम्मीद जताई है. इस पूरे सियासी ड्रामे के बीच कांग्रेस आलाकमान भी एक्टिव हो गया है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 'असंतुष्ट' विधायकों को मनाने का जिम्मा भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को सौंपा है. बताया जा रहा है कि बागी विधायक सीएम सुक्खू के काम करने के तरीके से नाराज हैं और उनकी जगह किसी और के हाथों में राज्य की कमान चाहते हैं.
बीजेपी के संपर्क में हैं बागी विधायक!
न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा और कर्नाटक के डिप्टी सीएम शिवकुमार बुधवार को शिमला पहुंच जाएंगे. कांग्रेस के 6 बागी विधायक भी मंगलवार को वोट डालने के लिए शिमला से हरियाणा पहुंच चुके हैं. बताया जा रहा है कि हिमाचल में कांग्रेस सरकार पर संकट के बीच ये बागी विधायक बीजेपी नेताओं के संपर्क में बने हुए हैं.
कांग्रेस आलाकमान ने ये फैसला ऐसे वक्त पर लिया है, जब बीजेपी भी एक्टिव मोड में आ गई है. बीजेपी विधायक बुधवार सुबह राज्यपाल से मिलेंगे. बताया जा रहा है कि बीजेपी राज्य में सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. साथ ही फ्लोर टेस्ट की मांग भी कर सकती है, क्योंकि पार्टी का मानना है कि कांग्रेस सरकार बहुमत खो चुकी है.
क्या लाया जाएगा अविश्वास प्रस्ताव?
राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के विधायकों की क्रॉस वोटिंग के बाद नया सियासी संकट भी उभरता नजर आ रहा है. 68 सीटों वाली विधानसभा में सरकार बनाने और बचाने के लिए 35 विधायकों का समर्थन जरूरी है.
लेकिन राज्यसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कांग्रेस सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. कांग्रेस सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने की बात भी सामने आ रही है. हालांकि, सीएम सुक्खू ने उम्मीद जताई है कि अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो सभी विधायक उनके साथ खड़े रहेंगे.
लेकिन यहां भी एक पेच है. अगर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है और फ्लोर टेस्ट होता है तो राज्यसभा चुनाव की तरह ही यहां भी क्रॉस वोटिंग हो सकती है. जिन 6 विधायकों ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट किया है. अगर उन्होंने फ्लोर टेस्ट में क्रॉस वोटिंग की तो कांग्रेस सरकार का गिरना तय है.
लेकिन अगर कांग्रेस के ये 6 विधायक बीजेपी में शामिल होते हैं तो ऐसे में कांग्रेस सरकार बच सकती है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये विधायक बिना इस्तीफा दिए बीजेपी में नहीं जा सकते. ऐसा होता है तो सदन में विधायकों की संख्या घटकर 62 हो जाएगी. ऐसी स्थिति में बहुमत का आंकड़ा 32 हो जाएगा. जबकि कांग्रेस के पास अभी भी 34 विधायक हैं.
राज्यसभा चुनाव में कैसे हुआ खेला?
हिमाचल प्रदेश में राज्यसभा की एक सीट पर चुनाव था. इसे जीतने के लिए 35 विधायकों के वोट की जरूरत थी. कांग्रेस के पास 40 विधायक हैं, इसलिए पार्टी के उम्मीदवार अभिषेक मनु सिंघवी की जीत लगभग तय मानी जा रही थी. बीजेपी के यहां 25 विधायक हैं. उसके पास 10 वोट कम थे, फिर भी पार्टी ने हर्ष महाजन को उम्मीदवार बना दिया था.
जब चुनाव हुए तो कांग्रेस के 6 विधायकों ने तो क्रॉस वोटिंग की. तीन निर्दलीय विधायकों ने भी बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में वोट कर दिया. इससे बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार को 34-34 वोट मिले. आखिरकार पर्ची के जरिए फैसला किया गया, जिसमें बीजेपी के हर्ष महाजन की जीत हुई.
नतीजों के बाद अभिषेक मनु सिंघवी ने हार मानते हुए कहा कि मैं उन 9 विधायकों का भी धन्यवाद देना चाहता हूं, जो कल तक साथ बैठे थे, उनमें से तीन आज सुबह हमारे नाश्ते पर भी साथ थे. मुझे उनसे सीख मिली है.