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किसी के माता-पिता नहीं, तो कोई पाल रहा था भाई-बहनों को, खदान हादसे में 7 लोगों की मौत से मातम

हादसे से कुछ देर पहले 30 फीट गहरी खदान में 10 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन हादसे से कुछ समय पहले 3 मजदूर पानी पीने के लिए बाहर आए थे. खदान से बाहर खुशकिस्‍मत खान मजदूर केमरी गांव के विष्‍णु भाट ने बताया कि हादसे से पहले खदान में 10 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन 3 मजूदर पानी पीने के लिए बाहर आ गए. उन्होंने बताया कि वे 50 फीट दूर ही पहुंचे थे कि अचानक से धमाके की आवाज आई.

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भीलवाड़ा खदान हादसे में 7 परिवारों में छाया मातम.
भीलवाड़ा खदान हादसे में 7 परिवारों में छाया मातम.
स्टोरी हाइलाइट्स
  • भीलवाड़ा में खदान ढहने से 7 लोगों की मौत
  • जिलाधिकारी बोले- एफआईआर दर्ज की जाएगी

राजस्थान के भीलवाड़ा में बुधवार को हुए खदान हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई. यह हादसा आसिंद थाना क्षेत्र के लाछुड़ा गांव में स्थित पत्थर की अवैध खदान में हुआ. पत्‍थर की खान ढह जाने से मलबे में दबे 3 महिला समेत सभी 7 शवों को एसडीआरएफ की टीम ने घंटों की मशक्‍कत के बाद बाहर निकाला. इस हादसे में मारे गए ज्यादातर मजदूर अपने परिवार के इकलौते सहारे थे. 

पानी पीने के लिए निकले 3 मजदूरों की जान बची

हादसे से कुछ देर पहले 30 फीट गहरी खदान में 10 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन हादसे से कुछ समय पहले 3 मजदूर पानी पीने के लिए बाहर आए थे. खदान से बाहर खुशकिस्‍मत खान मजदूर केमरी गांव के विष्‍णु भाट ने बताया कि हादसे से पहले खदान में 10 मजदूर काम कर रहे थे. लेकिन 3 मजूदर पानी पीने के लिए बाहर आ गए. उन्होंने बताया कि वे 50 फीट दूर ही पहुंचे थे कि अचानक से धमाके की आवाज आई. पीछे मुड़कर देखा तो खदान ढह चुकी थी. बस मिट्टी का गुबार उड़ रहा था. मेरे 7 साथी मजदूर काल के गाल में समा चुके थे. 

7 परिवारों में पसरा मातम

विष्‍णु भाट ने बताया कि हादसे में केमरी गांव के ही 6 मजदूर प्रह्लाद भाट, धर्मा भाट, काना भील, गणेश भील और महिला मजदूर हिंगलाज भाट, मीना भील की मौत हो गई. इसके अलावा लापलीया खेडा गांव की मीना की भी जान हादसे में चली गई. प्रशासन की अनदेखी के चलते 7 परिवारों में मातम छा गया. 

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किसी के माता-पिता नहीं, तो कोई पाल रहा था 5 भाई बहनों का पेट

हादसे में शिकार हुए किसी मजदूर के माता पिता नहीं थे. तो कोई अपने परिवार की अकेली बेटी थी. एक परिवार में तो भाई-बहन की मौत इसी हादसे में हो गई. हादसे में शिकार हुए हिंगलाज और प्रह्लाद भाई-बहन हैं, जो  एक साथ सुबह खान पर मजदूरी करने के लिए निकले थे मगर वापस घर नहीं पहुंचे. वहीं, मीना भील अपने पिता की अकेली बेटी है. 

हादसे में शिकार गणेश भील के सिर से माता-पिता का साया पहले ही उठ चुका था. 6 भाई-बहनों के परिवार में यह सबसे छोटा था. मौत के शिकार कन्‍हैया लाल की मां बचपन में ही चल बसी थी, अब इसकी मौत से इसके भाई-बहनों का रो-रोकर बुरा हाल है.

अवैध खनन की भेंट चढ़ी धर्मा भाट के सिर से माता-पिता का साया बचपन में ही उठ चुका था. सभी 5 भाई-बहन मजदूरी कर अपना पेट पाल रहे थे. इस हादसे में शिकार सबसे कम उम्र की मीना भील के माता-पिता को अपनी सबसे छोटी बेटी के खोने का गम सता रहा है. 

खननकर्ता पर होगी कार्रवाई

हादसे पर भीलवाड़ा जिला कलेक्‍टर शिव प्रसाद एम नकाते ने कहा कि इस अवैध खनन के मामले में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी.पहले भी इस अवैध खनन कर्ता के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर, मशीनें जब्‍त कर इसे गिरफ्तार किया था. 

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(रिपोर्ट: प्रमोद तिवारी)

 

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