भगोड़े जाकिर नाइक जैसे कट्टरपंथी विदेशों में बैठकर भारत के मुसलमानों को वक्फ बिल के खिलाफ भड़का रहे हैं. उनसे ये कह रहे हैं कि अगर वक्फ बिल लागू हो गया तो सरकार मुसलमानों से उनकी मस्जिदें और कब्रिस्तान छीन लेगी. इसको लेकर भारत में बहुत सारे मुसलमान इस समय अलग-अलग QR CODE वाले बैनर लेकर कई इलाकों में जा रहे हैं और इन QR CODE को Scan करके वक्फ बिल के खिलाफ अपनी आपत्तियों को Joint Parliamentary Committee को भेजने के लिए कह रहे हैं.
कट्टरपंथी जाकिर नाइक का कहना है कि अगर भारत के 50 लाख मुसलमानों ने भी अपनी आपत्तियां इस कमिटी को भेजी दी तो ये वक्फ बिल रद्द हो जाएगा. लेकिन अब इसके विरोध में हिन्दू समुदाय के लोगों ने भी एक SCAN अभियान शुरू किया है, जिसमें गुजरात में गणेशजी के पंडालों में ऐसे QR CODE लगाए गए हैं, जिन्हें Scan करके लोग वक्फ बिल के समर्थन में अपनी राय Joint Parliamentary Committee को भेज सकते हैं.
पंचमहल में दिखा ऐसा ही नजारा
वक्फ संसोधन अधिनियम के मामले में गोधरा के गणेश पंडालो में लगे बेनर फिलहाल काफी चर्चा में है. क्यूआर कोड स्कैन करके वक्फ संसोधन बिल के समर्थन हिन्दू संगठनों ने मुहिम शुरू की है. वीएचपी. समेत कई हिन्दू संगठन गोधरा के गणेश पंडालो में बिल के समर्थन में QR कोड के बैनर लगाकर उसे स्कैन करवा कर लोगों को भारी मात्रा में मेल करवा रहे है. गोधरा में गणेश महोत्सव साल का सबसे बड़ा महोत्सव है, जहां पर भारी मात्रा में लोग बिल का समर्थन करते नजर भी आ रहे हैं. वक्फ एक्ट संसोधन अधिनियम 2024 के समर्थन में गणेश पंडालो में माहौल नजर आ रहा है.
जाकिर नाइक ने क्या कहा था?
जाकिर नाइक ने रविवार 8 सितंबर को अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, "भारतीय वक्फ संपत्तियों को बचाएं, वक्फ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करें! आइए हम सब मिलकर वक्फ की पवित्रता की हिफाजत करें और मुस्तकबिल की पीढ़ियों के लिए इसे बचाने की तरफ आगे बढ़ें."
जाकिर नाइक ने इस दौरान एक हदीस का भी जिक्र किया, जिसमें कहा गया है, “अगर लोग कोई बुराई देखते हैं लेकिन उसे नहीं बदलते, तो जल्द ही अल्लाह उन सभी पर अपनी सजा भेजेगा.”
जाकिर नाइक ने अपने पोस्ट में आगे कहा, "यह भारत के मुसलमानों के लिए एक जरूरी अर्जेंट कॉल है कि वे इस बुराई को रोकें, जो वक्फ की पाकीजगी के खिलाफ है और इस्लामी संस्थाओं के भविष्य पर बुरा असर डालती है. अगर हम इस विधेयक को पारित होने देंगे, तो हम अल्लाह के अजाब और आने वाली पीढ़ियों की बद्दुआ झेलेंगे. बुराई को रोकें या इस जिंदगी और परलोक में इसके दायित्व को भुगतें, वक्फ संशोधन विधेयक को अस्वीकार करें!"
उन्होंने आगे लिखा कि भारत के करीब 50 लाख मुसलमानों को वक्फ संशोधन विधेयक को नकारना चाहिए. भारत के मुसलमानों के रूप में, अगर हम मुस्लिम वक्फ संपत्तियों को उम्माह से छीने जाने से नहीं रोक पाते हैं, तो हमें इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाएगा.
वक्फ एक्ट क्या है?
वक्फ एक्ट मुस्लिम समुदाय की संपत्तियों और धार्मिक संस्थानों के प्रबंधन और नियमन के लिए बनाया गया कानून है. इस एक्ट का मुख्य उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का उचित संरक्षण और प्रबंधन सुनिश्चित करना है ताकि धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए इन संपत्तियों का उपयोग हो सके. वक्फ चूंकि अरबी शब्द है जिसका अर्थ है 'रोकना' या 'समर्पण करना'. इस्लाम में वक्फ संपत्ति एक स्थायी धार्मिक और चैरिटेबल ट्रस्ट के रूप में समर्पित की जाती है, जिसका उपयोग धार्मिक उद्देश्यों, गरीबों की मदद, शिक्षा आदि के लिए किया जाता है. वक्फ संपत्तियों का प्रबंधन करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक वक्फ बोर्ड का गठन किया गया है. यह बोर्ड वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण, संरक्षण और प्रबंधन करता है.
वक्फ एक्ट के तहत सभी वक्फ संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य है. यह पंजीकरण संबंधित राज्य वक्फ बोर्ड में किया जाता है. वक्फ बोर्ड को वक्फ संपत्तियों की देखरेख, मरम्मत और विकास की जिम्मेदारी दी गई है. बोर्ड यह सुनिश्चित करता है कि वक्फ संपत्तियों का उपयोग धार्मिक और चैरिटेबल उद्देश्यों के लिए हो रहा है. वक्फ बोर्ड के पास वक्फ संपत्तियों का निरीक्षण करने और उन पर नियंत्रण रखने का अधिकार है. यह बोर्ड वक्फ संपत्तियों के प्रबंधकों (मुतवल्ली) की नियुक्ति और उनके कार्यों की समीक्षा भी करता है. वक्फ संपत्तियों से संबंधित विवादों के निपटान के लिए एक विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. यह न्यायालय वक्फ संपत्तियों से संबंधित सभी विवादों का निपटान करता है.
मोदी सरकार का क्या प्लान है?
शुक्रवार को कैबिनेट ने वक्फ अधिनियम में करीब 40 संशोधनों को मंजूरी दे दी. मोदी सरकार कैबिनेट में वक्फ बोर्ड की किसी भी संपत्ति को "वक्फ संपत्ति" बनाने की शक्तियों पर अंकुश लगाना चाहती है. इन संशोधनों का उद्देश्य किसी भी संपत्ति को 'वक्फ संपत्ति' के रूप में नामित करने के वक्फ बोर्ड के अधिकार को प्रतिबंधित करना है. वक्फ बोर्ड द्वारा संपत्तियों पर किए गए दावों का अनिवार्य रूप से सत्यापन किया जाएगा. संशोधन विधेयक पारित होने के बाद वक्फ संपत्तियों के मैनेजमेंट और ट्रांसफर में बड़ा बदलाव आएगा. सूत्रों का कहना है कि कानून में संशोधन की वजहों का भी जिक्र किया है. इसमें जस्टिस सच्चर आयोग और के रहमान खान की अध्यक्षता वाली संसद की संयुक्त कमेटी की सिफारिशों का हवाला दिया है.
(आजतक ब्यूरो)