जालंधर के मित्थापुर स्थित शहीद दर्शन सिंह केपी स्टेडियम में अब सुबह-शाम टहलने वालों को अपनी जेब ढीली करनी होगी. 1 जुलाई से स्टेडियम में एंट्री केवल शुल्क देने के बाद ही संभव होगी. स्थानीय मित्थापुर यूथ स्पोर्ट्स क्लब द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, जो शख्स साल भर के लिए टहलना चाहता है, उसे 2,500 रुपये का शुल्क देना होगा. वहीं, तीन महीने के लिए 1,000 रुपये और छह महीने के लिए 1,500 रुपये देने होंगे. साथ ही, आधार कार्ड जमा कर आईडी कार्ड बनवाना भी अनिवार्य होगा.
इस आदेश के बाद इलाके में विरोध की लहर दौड़ गई है. नियमित रूप से सुबह-शाम स्टेडियम में टहलने वाले नागरिकों ने इसे 'तानाशाही फरमान' बताया है. स्थानीय लोगों ने स्टेडियम के बाहर लगे नोटिस को पढ़ने के बाद पार्षद बलराज ठाकुर को ज्ञापन सौंपा, जिन्होंने इस फैसले का विरोध करते हुए नगर निगम आयुक्त गौतम जैन को भी ज्ञापन दिया. उनकी मांग है कि स्टेडियम का संचालन नगर निगम खुद अपने हाथ में ले और इस सार्वजनिक सुविधा को आम जनता के लिए मुफ्त रखा जाए.
‘सार्वजनिक सुविधा पर शुल्क अन्यायपूर्ण’ – पार्षद बलराज ठाकुर
आज तक से बातचीत में पार्षद बलराज ठाकुर ने कहा, "यह स्टेडियम पंजाब सरकार ने 1992 में जनता की सुविधा के लिए बनाया था. बाद में स्मार्ट सिटी योजना के तहत इसमें हॉकी ग्राउंड और वॉकिंग ट्रैक जोड़ा गया. बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे इस सुविधा का रोज़ाना लाभ उठाते हैं. अब फीस लगाकर लोगों के अधिकारों को छीना जा रहा है."
उन्होंने आगे कहा, "अगर एक परिवार के चार सदस्य वॉकिंग ट्रैक का इस्तेमाल करना चाहें तो उन्हें सालाना 10,000 रुपये चुकाने होंगे. यह पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है." स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें मित्थापुर यूथ क्लब द्वारा हॉकी स्टेडियम के रखरखाव पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन आम जनता को टहलने से रोकना और फीस वसूलना पूरी तरह गलत है.
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सूत्रों के मुताबिक, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत विकास कार्य के बाद स्टेडियम की जिम्मेदारी अभी तक किसी संस्था को आधिकारिक रूप से नहीं सौंपी गई है, इसलिए किसी क्लब द्वारा शुल्क वसूलना अवैध माना जा रहा है. पार्षद ठाकुर ने चेतावनी दी है कि अगर यह फैसला वापस नहीं लिया गया तो जनता का गुस्सा और बढ़ सकता है.