MP News: राजधानी भोपाल में हिंदू लड़कियों के साथ गैंगरेप और ब्लैकमेलिंग में अब भोपाल के शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने बयान जारी कर आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. उन्होंने कहा कि इस्लाम में ऐसी हरकतों की कोई जगह नहीं है और यह धर्म की शिक्षाओं के खिलाफ है.
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने कहा, "इस मामले में जो भी आरोपी हैं, उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. इस्लाम एक पाक-साफ मजहब है, जिसमें 'लव जिहाद' जैसी कोई गुंजाइश नहीं है. इस्लाम में पराई स्त्री को देखना भी पाप है. धर्म में बलात्कार करने वाले को कोड़े मारने की सजा और यदि वह शादीशुदा है, तो सरेआम पत्थर मारने की सजा का जिक्र है."
उन्होंने आगे कहा, "अगर कोई आरोपी यह दावा करता है कि उसने लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर सवाब का काम किया, तो वह इस्लाम की शिक्षाओं से अनभिज्ञ है और खुद को बर्बाद कर रहा है."
क्या है पूरा मामला
भोपाल के एक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ने वाली हिंदू छात्राओं को निशाना बनाकर गैंगरेप, ब्लैकमेलिंग और धर्म परिवर्तन के दबाव का यह मामला बीते 18 अप्रैल को तब सामने आया, जब एक 19 साल की छात्रा ने बागसेवनिया थाने में शिकायत दर्ज कराई. इसके बाद सामने आई दूसरी पीड़िताओं ने भी शिकायत में मुख्य आरोपी फरहान खान और उसके साथियों साहिल खान, अली खान, साद, नबील, अबरार और अन्य पर गंभीर आरोप लगाए गए.
पीड़िताओं का कहना है कि आरोपियों ने फर्जी हिंदू नामों का इस्तेमाल कर दोस्ती की, फिर नशीले पदार्थ देकर दुष्कर्म किया और वीडियो बनाकर ब्लैकमेल किया. कुछ पीड़िताओं को इस्लाम कबूलने और शादी के लिए दबाव बनाया गया.
पुलिस ने अब तक पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें फरहान, साहिल, साद और नबील शामिल हैं, जबकि अबरार और अन्य की तलाश जारी है. भोपाल पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी मिश्रा ने विशेष जांच दल (SIT) गठित किया है. मामले में पांच FIR दर्ज की गई हैं, जिनमें भारतीय न्याय संहिता (BNS), POCSO एक्ट, IT एक्ट और मध्य प्रदेश धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है.
जांच में चौंकाने वाले खुलासे
पुलिस पूछताछ में फरहान ने कहा कि वह हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर 'सवाब' (पुण्य) का काम कर रहा था और उसे कोई पछतावा नहीं है. आरोपी ने बताया कि उसने कॉलेज में मुस्लिम युवकों का एक गिरोह बनाया था, जो केवल हिंदू लड़कियों को टारगेट करता था. जांच में पता चला कि फरहान और उसके साथी पीड़िताओं को नशा देकर, पोर्न दिखाकर और चाकू की नोक पर दुष्कर्म करते थे. फरहान के फोन से 10-12 लड़कियों के आपत्तिजनक वीडियो बरामद हुए हैं, जिन्हें वह पोर्न साइट्स पर बेचने की योजना बना रहा था.
क्लब-90 रेस्टोरेंट इस रैकेट का केंद्र
साहिल खान की डांस क्लास और भोपाल के क्लब-90 रेस्टोरेंट को इस रैकेट का केंद्र बताया जा रहा है. रेस्तरां में एक कमरे और नशीले पदार्थ उपलब्ध कराए जाते थे, जिसे पुलिस ने सील कर दिया है. दो मुस्लिम लड़कियों पर भी हिंदू छात्राओं को फंसाने में मदद करने का आरोप है, जिनकी जांच चल रही है.
भोपाल के इस मामले ने पूरे मध्य प्रदेश में भारी बवाल मचा दिया है. 28 अप्रैल को कोर्ट परिसर में वकीलों ने आरोपियों पर हमला किया, जिसके बाद पुलिस को अतिरिक्त बल बुलाना पड़ा. हिंदू संगठनों ने आरोपियों को सौंपने की मांग की. उधर, राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी मामले का संज्ञान लिया है. इसके अलावा, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, "अपराधी चाहे राज्य में हो या बाहर, उसे पकड़कर सख्त सजा दी जाएगी."
1992 अजमेर कांड जैसा मामला
इस मामले की तुलना 1992 के अजमेर रेप कांड से की है, जहां भी हिंदू लड़कियों को निशाना बनाकर यौन शोषण और ब्लैकमेलिंग की गई थी. भोपाल मामले में भी संगठित गिरोह, वीडियो ब्लैकमेलिंग और धर्म परिवर्तन के दबाव की समानता देखी जा रही है.