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'कैश के बदले ड्राइवर को लेना था पोर्श कांड का दोष', पुणे पुलिस की जांच में नाबालिग की फैमिली के ऑफर का हुआ खुलासा

पुणे में 17 साल के लड़के ने 19 मई को कल्याणी नगर इलाके में अपनी पोर्श कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था. हादसे में दोनों की मौत हो गई थी. आरोपी कार चालक दरअसल रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है. 

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पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार
पुणे पुलिस कमिश्नर अमितेश कुमार

महाराष्ट्र के पुणे में तेज रफ्तार पोर्श कार की टक्कर में बाइक सवार दो सॉफ्टवेयर इंजीनियरों की मौत का मामला सुर्खियों में बना हुआ है. इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. इनमें नाबालिग आरोपी का पिता भी शामिल है जबकि नाबालिग आरोपी सुधार गृह में है. अब इस पूरे मामले पर पुणे के एसपी ने कई सवालों के जवाब दिए हैं.

पुणे के एसपी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि ये घटना 19 मई की है. घटना के समय 17 साल का नाबालिग पूरे होश में गाड़ी चला रहा था. उसकी जगह कोई और गाड़ी नहीं चला रहा था. लेकिन ऐसा बताने के प्रयास किए गए कि घटना के समय कोई और गाड़ी चला रहा था. 

उन्होंने कहा कि क्या इस मामले की जांच के दौरान पुलिस अधिकारियों की ओर से लापरवाही या चूक हुई है, इसकी भी जांच की जा रही है. पुलिस ने इस मामले में सभी संबंधित धाराएं लगाई हैं. 

उन्होंने कहा कि हमने जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड के समक्ष दोबारा रिव्यू एप्लिकेशन दायर की थी, जिसके बाद बोर्ड ने नाबालिग आरोपी को सुधारगृह भेज दिया है. इस मामले में नाबालिग पर वयस्क के तौर पर केस चलाने की प्रक्रिया भी जारी है. नाबालिग के पिता को गिरफ्तार कर लिया गया है, आज उनकी रिमांड खत्म हो रही है.  

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नाबालिग को नहीं दिया गया था पिज्जा और बर्गर

पुणे एसपी ने बताया कि ऐसा बताने के प्रयास किए गए कि नाबालिग घटना के समय गाड़ी नहीं चला रहा था. उसकी जगह कोई और गाड़ी चला रहा था. हम ड्राइवर पर सबूतों को नष्ट करने के लिए एफआईआर में धारा 201 जोड़ने जा रहे हैं. हम इसका भी पता लागएंगे कि ड्राइवर ने किसी दबाव में स्टेटमेंट दिया.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, 19 मई की इस घटना के बाद नाबालिग के पिता विशाल अग्रवाल ने अपने फैमिली ड्राइवर को फोन कर उसे पुलिस के पास जाने को कहा था. ड्राइवर से कहा गया था कि वह पुलिस के पास जाकर इस घटना की जिम्मेदारी ले ले. इसके बदले उसे कैश दिया जाएगा. इस वजह से ड्राइवर ने अपने पहले बयान में कहा कि वह कार चला रहा था. पुलिस ने शुक्रवार को विशाल अग्रवाल के खिलाफ सबूतों को नष्ट करने के आरोप में धारा 201 जोड़ दी है. 

उन्होंने कहा कि सीसीटीवी फुटेज से साफ है कि नाबालिग आरोपी ने अपने घर से गाड़ी बाहर निकाली थी. इसके साथ ही उन्होंने इन आरोपों को भी खारिज किया कि नाबालिग को घटना के बाद कस्टडी में पिज्जा और बर्गर खाने को दिया गया था.

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उन्होंने कहा कि पुलिस स्टेशन में नाबालिग को किसी तरह का स्पेशल ट्रीटमेंट नहीं दिया गया था. अगर यरवदा पुलिस की ओर से किसी तरह की लापवाही की गई होगी तो हम उस पर एक्शन लेंगे.

क्या था मामला?

पुणे में 17 साल के लड़के ने 19 मई को कल्याणी नगर इलाके में अपनी पोर्श कार से बाइक सवार दो इंजीनियरों को रौंद दिया था. हादसे में दोनों की मौत हो गई थी. आरोपी कार चालक दरअसल रियल एस्टेट डेवलपर विशाल अग्रवाल का बेटा है. 

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