प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर संसद में अपनी बात रखी. प्रधानमंत्री ने करीब डेढ़ घंटे भाषण दिया. उन्होंने कांग्रेस पार्टी, उनकी पिछले सरकार, जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी तक को निशाने पर लिया. पीएम ने कहा कि जहां एक तरफ 'नेहरू जी' भारत के लोगों को आलसी समझते थे, तो वहीं इंदिरा गांधी की सोच भी कुछ अलग नहीं थी. परिवारवाद का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इसका देश और संसद ने नुकसान हुआ. पढ़ें पीएम मोदी के भाषण की 10 बड़ी बातें.
1. प्रधानमंत्री मोदी ने जवाहरलाल नेहरू के एक भाषण का जिक्र किया और आरोप लगाया कि वह भारतीयों को आलसी समझते थे. पीएम ने नेहरू का वो भाषण बताया जिसमें कथित रूप से उन्होंने कहा था, "हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आमतौर से नहीं है. हम इतना काम नहीं करते हैं... जितना यूरोप, जापान, चीन, रुस और अमेरिका वाले करते हैं. नेहरू जी की भारतीयों के प्रति सोच थी कि भारतीय आलसी हैं."
2. पीएम मोदी ने इंदिरा गांधी के बारे में कहा कि उनकी सोच भी नेहरू जी से अलग नहीं थी. बकौल पीएम इंदिरा गांधी ने अपने एक भाषण में लाल किले से कहा था, "दुर्भाग्यवश हमारी आदत ये है कि जब कोई शुभ काम पूरा होने को होता है तो हम आत्मसंतुष्टि की भावना से ग्रस्त हो जाते हैं और जब कोई कठिनाई आ जाती है तो हम नाउम्मीद हो जाते हैं. कांग्रेस का विश्वास हमेशा एक परिवार पर रहा है. एक परिवार के आगे न कुछ सोच सकते हैं और न ही कुछ देख सकते हैं.
3. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "नौ दिन चले, ढाई कोस... ये कहावत पूरी तरह कांग्रेस को परिभाषित करती है. कांग्रेस की सुस्त रफ्तार का कोई मुकाबला नहीं है. आज विपक्ष की जो हालत है, इसकी सबसे बड़ी दोषी कांग्रेस है. कांग्रेस को एक अच्छा विपक्ष बनने का बहुत बड़ा अवसर मिला था, लेकिन 10 वर्षों में ये उस दायित्व को निभाने में भी विफल हो गए."
4. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा, "आज देश में जिस रफ्तार के साथ काम हो रहा है, कांग्रेस सरकार इस रफ्तार की कल्पना भी नहीं कर सकती. हमने गरीबों के लिए 4 करोड़ घर बनाए इसमें से 80 लाख पक्के मकान शहरी गरीबों के लिए बने. अगर कांग्रेस की रफ्तार से काम हुआ होता तो इतना काम होने में 100 साल लगते, 100 पीढ़ियां बीत जातीं."
5. प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पार्टी के नेताओं से संसद में पूछा, "कब तक टुकड़ों में सोचते रहोगे, कब तक समाज को बांटते रहोगे, बहुत तोड़ा देश को... अच्छा होता कि जाते-जाते तो कम से कम इस चर्चा के दरमियान कुछ सकारात्मक बातें होती, कुछ सकारात्मक सुझाव आते, लेकिन हर बार की तरह आपने देश को काफी निराश किया."
6. प्रधानमंत्री मोदी ने पहले सदन का पूरा समय घोटालों की चर्चा में जाता था, भ्रष्टाचार की चर्चा में जाता था. लगातार एक्शन की मांग होती थी, चारों तरफ सिर्फ भ्रष्टाचार की ही खबरें होती थी. आज जब भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई होती है तो ये लोग उनके समर्थन में हंगामा करते हैं.
7. पीएम मोदी ने कहा, "अब हमारी सरकार का तीसरा कार्यकाल भी बहुत दूर नहीं है. ज्यादा से ज्यादा 100-125 दिन बाकी हैं और पूरा देश कह रहा है... अबकी बार 400 पार. पीएम ने कहा कि हमारा तीसरा कार्यकाल बहुत बड़े फैसलों का होगा. तीसरा कार्यकाल अगले 100 वर्षों के लिए एक मजबूत नींव रखने का कार्यकाल होगा. देश बीजेपी को 370 सीटें जरूर देगा."
8. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति जी ने भारत के उज्ज्वल भविष्य को देखते हुए चार मजबूत स्तंभों पर हम सबका ध्यान केंद्रित किया है. उनका सही आंकलन है कि देश के चार स्तंभ जितने ज्यादा मजबूत होंगे, विकसित होंगे, समृद्ध होंगे... हमारा देश उतनी ही तेजी से समृद्ध होगा. उन्होंने देश की नारी शक्ति, युवा शक्ति, गरीब भाई-बहन और देश के किसान की चर्चा की है, जो विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करेगी."
9. प्रधानमंत्री मोदी ने संसद में कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सत्ता से बाहर रखने का फैसला कर लिया है. पीएम ने कहा, "मैं वास्तव में विपक्ष के प्रस्ताव की सराहना करता हूं.' उनके भाषण के एक-एक शब्द से मुझे और देश को अब यह विश्वास हो गया है कि उन्होंने लंबे समय तक विपक्ष में बैठने का संकल्प ले लिया है."
10. पीएम मोदी ने कहा, "अब बिचौलियों के लिए गरीबों को लूटना बहुत मुश्किल हो गया है. डीबीटी, जनधन अकाउंट, आधार, मोबाइल... उसकी ताकत हमने पहचानी है. 30 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम हमने लोगों के खाते में सीधा पहुंचाई है. पहले कांग्रेस के एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 पैसे ही गरीबों तक पहुंचते हैं."