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'पुरुष पत्रकारों को छोड़ देनी चाहिए थी पीसी', तालिबानी मंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिलाओं की नो-एंट्री पर भड़के चिदंबरम

अफगानिस्तान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी के भारत दौरे के दौरान उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल न किए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है. सोशल मीडिया पर इस फैसले की कड़ी निंदा की गई और इसे पत्रकारिता की मूल भावना के खिलाफ बताया गया.

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पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने पूरे मामले पर नाराजगी जताई है. (File Photo: PTI photo)
पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने पूरे मामले पर नाराजगी जताई है. (File Photo: PTI photo)

अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी इन दिनों भारत दौरे पर हैं. सात दिन की इस यात्रा के दौरान उन्होंने शुक्रवार को विदेश मंत्री एस. जयशंकर से मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर बातचीत की. हालांकि, उनके भारत दौरे से ज्यादा चर्चा उनकी प्रेस कॉन्फ्रेंस को लेकर हो रही है, जो सोशल मीडिया पर लोगों के निशाने पर आ गई है.

दरअसल, मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को शामिल होने की अनुमति नहीं दी गई. जैसे ही यह खबर सामने आई, सोशल मीडिया पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा. कई यूजर्स ने इस फैसले को 'अस्वीकार्य' बताया और इसे पत्रकारिता की मूल भावना के खिलाफ बताया.

चिदंबरम ने भी उठाए सवाल

पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने भी इस मामले पर नाराजगी जताई. उन्होंने एक्स पर लिखा, 'मुझे यह जानकर झटका लगा कि अफगानिस्तान के आमिर खान मुत्तकी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में महिला पत्रकारों को बाहर रखा गया. मेरी राय में पुरुष पत्रकारों को वहां से वॉकआउट कर देना चाहिए था.'

सोशल मीडिया पर लोगों ने जताया विरोध

सोशल मीडिया पर भी कई लोगों ने चिदंबरम की बात का समर्थन करते हुए कहा कि अगर महिला पत्रकारों को प्रेस कॉन्फ्रेंस से बाहर रखा गया, तो पुरुष पत्रकारों को विरोध दर्ज कराना चाहिए था. मुत्तकी की यह प्रेस कॉन्फ्रेंस भारत-अफगानिस्तान संबंधों से ज्यादा, महिला पत्रकारों के बहिष्कार को लेकर चर्चा में आ गई.

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