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हरियाणा: DSP को डंपर से कुचलने वाले आरोपियों के साथ एनकाउंटर, गोली लगने के बाद क्लीनर पकड़ा गया

हरियाणा के नूंह में DSP को डंपर से कुचला गया था, इसके बाद पुलिस एक्शन में आई. पुलिस की आरोपियों से मुठभेड़ हुई जिसमें डंपर के क्लीनर को गोली लगी. इसके बाद उसे पकड़कर अस्पताल ले जाया गया.

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नूंह में डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की हत्या हुई थी
नूंह में डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की हत्या हुई थी
स्टोरी हाइलाइट्स
  • डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई को हरियाणा सरकार ने शहीद का दर्जा दिया
  • परिवार के एक सदस्य को मिलेगी सरकारी नौकरी, 1 करोड़ की मदद

हरियाणा के नूंह में डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई की हत्या के आरोपियों की धरपकड़ शुरू हो गई है. आज आरोपियों संग पुलिस की मुठभेड़ भी हुई. इसमें डंपर के क्लीनर को पकड़ लिया गया है. एनकाउंटर में उसको गोली भी लगी है. घुटने में गोली लगने के बाद क्लीनपर को नलहर मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है. डीएसपी सुरेंद्र बिश्नोई नूंह जिले में अवैध खनन रोकने गये थे. उस दौरान उनको डंपर से कुचलकर मार डाला गया था.

जानकारी के मुताबिक, सीआईए इंचार्ज सुरेंद्र सिद्धू की टीम व आरोपियों में मुठभेड़ हुई थी. आरोपियों को पकड़ने की कार्रवाई के दौरान यह एनकाउंटर हुआ था.

अवैध खनन रोकने गये थे DSP सुरेंद्र सिंह

नूंह पुलिस ने बताया था कि तावडू (मेवात) के DSP सुरेंद्र सिंह बिश्नोई नूंह में अवैध खनन की घटना की जांच के लिए गए थे, जिनकी डम्पर चालक ने कुचलकर हत्या कर दी गई. चंडीगढ़ ADGP (कानून-व्यवस्था) संदीप खिरवार का भी इसपर बयान आया था. उन्होंने कहा था कि घटना के वक्त चार पुलिसकर्मी DSP के साथ थे.

बताया गया है कि डीएसपी सुरेंद्र के साथ एक गनमैन व एक ड्राइवर भी था. घटना सोमवार रात 11:30 बजे की है. डीएसपी को जानकारी मिली थी कि अवैध खनन हो रहा है. वह मौके पर पहुंचे. उन्होंने खनन कर रहे लोगों को रोकने की कोशिश की. तब ही डीएसपी पर गाड़ी चढ़ा दी गई.

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DSP सुरेंद्र सिंह को शहीद का दर्जा, परिवार को एक करोड़ की मदद

हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इसपर कहा था कि हम शहीद सुरेंद्र सिंह के परिवार को 1 करोड़ रुपये की सहायता राशि देंगे. उनके परिवार से एक व्यक्ति को सरकारी नौकरी भी मिलेगी. DSP के छोटे भाई अशोक मंजू का भी बयान आया था. वह बोले कि मैंने उनसे आज ही बात की थी. वह इसी साल सेवानिवृत्त होने वाले थे. उनके दो बच्चे हैं.

इस मामले पर हरियाणा के खनन मंत्री मूल चंद शर्मा का भी बयान आया था. वह बोले कि वह इलाका माइनिंग का नहीं, वन क्षेत्र का है. उस जगह अवैध खनन रोकने के लिए सभी अधिकारी समय समय पर कार्रवाई करते रहते हैं. पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए वह बोले कि अगर पूर्व मुख्यमंत्री ने काम किया होता तो ये दिन नहीं देखना पड़ता.

 

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