नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के अध्यक्ष और मेघालय के मुख्यमंत्री कॉनराड के. संगमा ने शुक्रवार को मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी पार्टी की दृढ़ प्रतिबद्धता दोहराई है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक वार्ता राज्य के संवैधानिक ढांचे के भीतर हो सकती है, लेकिन मणिपुर के किसी क्षेत्र के लिए अलग प्रशासन की किसी भी मांग का एनपीपी समर्थन नहीं करती है.
इम्फाल के होटल क्लासिक ग्रांडे में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए संगमा ने कहा कि मणिपुर की उनकी यात्रा का उद्देश्य नागरिक समाज संगठनों (CSOs) और सामुदायिक नेताओं सहित विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत करना, सुझाव प्राप्त करना और राज्य में शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए एक सामूहिक रोडमैप तैयार करना है.
कॉनराड संगमा ने जोर देकर कहा, 'हम मणिपुर की क्षेत्रीय अखंडता से समझौता करने के लिए यहां नहीं हैं. राज्य के भीतर प्रशासनिक ढांचे कैसे काम कर सकते हैं, इस पर हमेशा चर्चा हो सकती है, लेकिन मणिपुर को पूरी तरह से विभाजित करना हमारा रुख नहीं है.' उन्होंने सभी समुदायों से एक साथ आने और बातचीत में शामिल होने की अपील की और कहा कि अपने रुख पर अड़े रहने से लोगों की पीड़ा और बढ़ेगी.
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म्यांमार सीमा पर फेंसिंग के मुद्दे पर बोले CM संगमा
मेघालय के सीएम ने ने कहा, 'अगर हम अपनी ही बातों पर अड़े रहेंगे और मुद्दों पर ध्यान नहीं देंगे, तो हम कहीं नहीं पहुंच पाएंगे. बातचीत और सहमति बनाने का प्रयास करना आगे बढ़ने की कुंजी हैं.' मुक्त आवागमन व्यवस्था (Free Movement Regime) और म्यांमार सीमा पर बाड़ लगाने के मामले में कई नगा नागरिक समाज संगठनों द्वारा उठाई गई चिंताओं का उल्लेख करते हुए, कॉनराड संगमा ने कहा कि इस मामले में स्थानीय समुदायों के साथ व्यापक बातचीत की आवश्यकता है. उन्होंने भारत सरकार से आग्रह किया कि कोई भी अंतिम निर्णय लेने से पहले सभी हितधारकों से परामर्श किया जाए.
उन्होंने कहा, 'राष्ट्रीय सुरक्षा महत्वपूर्ण है, लेकिन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक कारकों पर भी विचार किया जाना चाहिए. जब बातचीत खुली हो, तो आगे बढ़ने का रास्ता हमेशा खुला रहता है.' उन्होंने सीएए पर चर्चा के दौरान केंद्र सरकार द्वारा पूर्वोत्तर राज्यों की चिंताओं को संबोधित करने के तरीके से तुलना करते हुए यह बात कही. कॉनराड संगमा ने मणिपुर संकट से निपटने के लिए एनपीपी द्वारा उठाए गए कदमों की रूपरेखा प्रस्तुत की, जिसमें नेतृत्व परिवर्तन या राष्ट्रपति शासन के माध्यम से जनता का विश्वास पुनः स्थापित करने की आवश्यकता पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के साथ औपचारिक संवाद भी शामिल है.
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NPP ने मणिपुर के लोगों के हितों को प्राथमिकता दी
संगमा ने कहा, 'करीब डेढ़ साल पहले, हमने गृह मंत्रालय को लिखा था कि विश्वास बहाली के लिए कुछ किया जाना चाहिए. लोगों का नेतृत्व पर से भरोसा उठ गया था.' उन्होंने याद दिलाया कि एनडीए गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद, एनपीपी ने इस साल की शुरुआत में भाजपा के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया था, और राजनीतिक गठबंधन के बजाय लोगों के हितों को प्राथमिकता दी थी. उन्होंने कहा, 'यह एक कठिन निर्णय था, लेकिन हमें मणिपुर के लिए जो सही था, वह करना था.'
अपनी पार्टी के भीतर मणिपुर के मुद्दे पर नेताओं की अलग-अलग राय होने के सवाल पर बोलते हुए कॉनराड संगमा ने कहा कि एनपीपी लोकतांत्रिक चर्चा को प्रोत्साहित करती है, लेकिन अंततः एक संयुक्त मोर्चे के रूप में काम करती है. उन्होंने कहा, 'मतभेद तो हमेशा रहेंगे, लेकिन उनसे संवाद होना चाहिए, विभाजन नहीं. एनपीपी अनुशासित और एकजुट है.' असम और मेघालय के बीच हाल ही में हुए सीमा संघर्ष पर टिप्पणी करते हुए संगमा ने इसे एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया और स्पष्ट किया कि यह मतभेद वाले क्षेत्रों पर लंबे समय से चले आ रहे विवादों का परिणाम है.
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ऐतिहासिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध: संगमा
उन्होंने कहा, 'यह फसल कटाई के दौरान लोगों के बीच हुई झड़प थी, पुलिस से टकराव नहीं. हम शांति बनाए रखने की अपील करते हैं और दोनों सरकारें इस मुद्दे को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाने के लिए बातचीत जारी रखें.' शिलांग में एक ऐतिहासिक स्मारक के कथित विध्वंस की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, कॉनराड संगमा ने स्पष्ट किया कि मेघालय सरकार ने न तो कोई अनुमति जारी की है और न ही ऐसी कोई कार्रवाई की है. उन्होंने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार सभी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थलों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है.
कॉनराड संगमा ने पूर्वोत्तर की आवाज बनने के एनपीपी के मिशन की पुष्टि करते हुए कहा, 'एनपीपी पूर्वोत्तर के लोगों द्वारा और पूर्वोत्तर के लोगों के लिए बनाई गई पार्टी है. हमारा लक्ष्य अपने संगठन को मजबूत करना और मणिपुर में दीर्घकालिक शांति और स्थिरता सुनिश्चित करना है.' प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद संगमा स्थानीय सीएसओ और दिवंगत विधायक एन कायिसी के परिवार से मिलने के लिए कांगपोकपी, सेनापति और ताडुबी गए और उसके बाद आगे की पार्टी बैठकों के लिए दीमापुर रवाना हुए.