नोएडा में एक वकील को पुलिस हिरासत में रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है. सर्वोच्च अदालत ने नोएडा के सेक्टर 126 थाना परिसर में एक महिला वकील को कथित तौर पर 14 घंटे तक अवैध हिरासत में रखे जाने और पुलिस कर्मियों की ओर से यौन उत्पीड़न, यातना और जान से मारने की धमकियों के मामले में संज्ञान लिया है.
कोर्ट ने नोएडा पुलिस से संबंधित अवधि का सीसीटीवी फुटेज सील बंद लिफाफे में तलब किया है. साथ ही कोर्ट ने नोएडा पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. कोर्ट 7 जनवरी को इस मामले में अगली सुनवाई करेगा.
क्या है पूरा मामला?
अपने मुवक्किल के लिए पैरवी करने को लेकर एक वकील को उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से हिरासत में रखने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. जस्टिस विक्रम नाथ की अध्यक्षता वाली बेंच ने नोएडा पुलिस को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई सात जनवरी को तय की है.
सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर महिला वकील ने आरोप लगाया है कि उसे नोएडा सेक्टर 126 पुलिस स्टेशन में पुलिस अधिकारियों की ओर से 13 दिसंबर की रात को चौदह घंटे तक अवैध रूप से हिरासत में रखा गया.
7 जनवरी को होगी अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील ने यह भी आरोप लगाया है कि पुलिस की ओर से उसे हिरासत में यौन उत्पीड़न, यातना और जान से मारने की धमकियों का सामना करना पड़ा. याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद, न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एन. वी. अंजारिया की एक पीठ ने मामले की जांच करने के लिए सहमति व्यक्त की और इसे 7 जनवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया.