भारतीय जनता पार्टी के सांसद निशिकांत दूबे के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अवमानना का मामला शुरू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई 5 मई को होगी. यह याचिका सुप्रीम कोर्ट के वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है, जिसमें दावा किया गया है कि निशिकांत दूबे ने सुप्रीम कोर्ट और भारत के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ अपमानजनक और निंदनीय टिप्पणी की है.
याचिका में केंद्रीय गृह मंत्रालय को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को राजनीतिक दलों और उनके नेताओं द्वारा वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 से संबंधित नफरत और भड़काऊ भाषणों पर अंकुश लगाने के लिए एडवाइजरी जारी की जा सके.
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पर्यटकों को सुरक्षा देने की मांग के लिए भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका
विशाल तिवारी ने एक अन्य याचिका भी दायर की है, जिसमें उन्होंने पहलगाम आतंकी घटना का उल्लेख किया है. इस याचिका में देश के बॉर्डर और दूरदराज के क्षेत्रों में जाने वाले पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान करवाने की मांग की गई है. तिवारी का तर्क है कि इन क्षेत्रों में सुरक्षा सुनिश्चित करके ही देश में पर्यटन को बढ़ावा दिया जा सकता है और साथ ही नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सकती है.
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निशिकांत दुबे के खिलाफ याचिका पर 5 मई को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई 5 मई को करेगा, जिसमें निशिकांत दूबे के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर बहस की जाएगी और साथ ही सरकार को इन याचिकाओं पर क्या कार्रवाई करनी चाहिए, इस पर भी विचार होगा. मसलन, बीते दिनों निशिकांत दुबे पर भड़काऊ बयानबाजी के आरोप लगे थे, जिसका याचिका में जिक्र किया गया है.