निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) एक राजनेता हैं. वह झारखंड से भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सदस्य हैं. वह भारत की 17वीं लोकसभा, भारतीय संसद के निचले सदन के सदस्य हैं. मई 2009 से झारखंड में गोड्डा निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं.
उनका जन्म 28 जनवरी 1969 को बिहार के भागलपुर में हुआ था. उन्होंने 2009 (15वीं लोकसभा), 2014 और 2019 में सीट जीती है.
BJP नेता निशिकांत दुबे ने कांग्रेस के बारे में बात करते हुए पार्टी को मूर्ख बोला है. उन्होनें कहा कि 'मैं सुकुमार सेन के बारे में बात कर रहा था. उनको गवर्नर बोला गया एक एग्रीमेंट है. उसके बारे में कांग्रेस कह रही है कि उन्हें अंबैस्डर और गवर्नर में फर्क नही है.'
BJP नेता निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर मुस्लिम परस्त राजनीति करने का गंभीर आरोप लगाया है. उन्होनें कहा कि कांग्रेस का इतिहास जिन्नाह से लेकर सलमान रुश्दी तक मुस्लिम व वोट बैंक की राजनीति से जुड़ा हुआ है. कांग्रेस ने सोमनाथ और अयोध्या मंदिर के विरोध में हमेशा कदम उठाए. आज तक सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने अयोध्या मंदिर का दर्शन नहीं किया.
BJP नेता निशिकांत दुबे ने विपक्ष के आरोपों का संसद में जमकर पलटवार किया. उन्होनें कहा कि 'यदि किसी को इतिहास के पन्नों को तोड़ना-मरोड़ना है तो उसको कांग्रेस से सीख लेना चाहिए. साथ ही बताया कि राजीव गांधी नही बल्कि अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने नोट ऑफ डिसेंट दिया कि 21 के बदले 18 साल मतदान की उम्र हो .
BJP नेता निशिकांत दुबे ने संसद में विपक्ष के आरोपों पर पलटवार किया है. उन्होनें कहा कि कांग्रेस से लेकर डीएमके और टीएमसी तक सभी पार्टियों ने ईवीएम के बारे में चर्चा की है. पहली बार ईवीएम 1987 में राजीव गांधी जी ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत देश में पेश की थी और 1991 में नरसिम्हा राव की सरकार ने तय किया की EVM आएगा.
BJP नेता निशिकांत दुबे ने संसद में वंदे मातरम पर बोलते हुए विपक्ष के हमलों पर प्रहार करते हुए उन्हें तीखा जवाब दिया. उन्होनें कहा कि 'हा, हम RSS के है मुझे गर्व है कि हम RSS के है. आगे उन्होनें ये लाइन जोड़ी कि 'ऋण है शहीदों का मगर कैसे चुकाएंगे, लहु की जब तक बूंद है तब तक तिरंगा लहराएंगे.'
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पार्टी पर तुष्टिकरण की राजनीति का आरोप लगाया और राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर राम मंदिर न जाने पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि 1980 में आप ईवीएम (EVM) लाने वाले थे, और आज आप उसी के खिलाफ बोल रहे हैं.
चुनाव सुधार पर लोकसभा में मंगलवार और बुधवार को चर्चा होगी. इस बहस की शुरुआत कांग्रेस सांसद राहुल गांधी करेंगे. वहीं, विपक्ष के जवाब में सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने दिग्गज नेताओं की टीम तैनात किया है. दूसरी ओर कांग्रेस ने भी राहुल के अलावा इस मुद्दे पर दमदार लाइन-अप तैयार की है.
राहुल गांधी ने Gen Z को अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए संबोधित किया है. सभी युवाओं से संविधान बचाने और वोट चोरी रोकने की अपील की है. स्वाभाविक रूप से बीजेपी ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई है - सवाल है कि राहुल की अपील का कितना और क्या असर होगा?
बीजेपी सांसद ने यह भी कहा कि वे मराठी भाषा और महाराष्ट्र के लोगों का सम्मान करते हैं, जिन्होंने भारत की आजादी में बड़ा योगदान दिया है. लेकिन आगामी बीएमसी चुनाव को लेकर ठाकरे बंधु सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं.
शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद संजय राउत ने बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'कौन है दुबे? महाराष्ट्र के हिंदीभाषी नेताओं को दुबे की निंदा करनी चाहिए. बीजेपी का सांसद मराठी लोगों के बारे में घटिया बात कर रहा था और फडणवीस सरकार चुप है. एकनाथ शिंदे खुद को नेता मानते हैं. दाढ़ी पर अपना हाथ घुमाते हैं. या तो शिंदे निशिकांत दुबे के बयान का खंडन करें या फिर अपनी दाढ़ी काट लें या फिर हम उनकी दाढ़ी काट देंगे. इस्तीफा दे दो अगर मर्द हो तो.'
महाराष्ट्र में भाषा विवाद लगातार जारी है. नई शिक्षा नीति के तहत हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य करने के आदेश पर फडनवीस सरकार को बैकफुट पर आना पड़ा था. बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने एमएनएस चीफ राज ठाकरे को बिहार आने की खुली चुनौती देते हुए कहा कि अगर राज ठाकरे में इतनी हिम्मत है तो वो बिहार आकर दिखाएं, 'पटक पटक कर मारा जाएगा'.
निशिकांत दुबे ने शिवसेना (यूबीटी) और एमएनएस को यूपी-बिहार आने की चुनौती दी थी और कहा था कि पटक-पटक कर मारेंगे. इस बयान पर अब उद्धव ठाकरे की प्रतिक्रिया आई है.
महाराष्ट्र में हिंदी को अनिवार्य भाषा करने के फैसले से शुरू हुआ विवाद अब भाषा की मर्यादा तोड़ने लगा है. एमएनएस की मराठी अस्मिता के नाम पर गुंडागर्दी वाली सियासत पर बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के बयान पर हंगामा हो गया है. अब विपक्ष तो निशिकांत दुबे पर हमलावर है ही, सत्ता पक्ष यानी बीजेपी और शिवसेना भी निशिकांत दुबे को नसीहत दे रहीं हैं. देखें मुंबई मेट्रो.
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई ने न्यायपालिका की ईमानदारी और स्वतंत्रता पर उठते सवालों को काफी गंभीरता से लिया है, और रिटायरमेंट के बाद कोई सरकारी पद न लेने का भी फैसला किया है. CJI ने कॉलेजियम सिस्टम की खामियां भी स्वीकार की है, लेकिन सवाल उठता है कि सुधार कब होंगे?
बैजयंत पांडा की अगुवाई वाले भारत के प्रतिनिधिमंडल में AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, बीजेपी सांसद फांगनोन कोन्याक, बीजेपी सांसद रेखा शर्मा, बीजेपी सांसद सतनाम सिंह संधु, डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के नेता गुलाम नबी आजाद और हर्षवर्धन श्रृंगला शामिल थे.
निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर करारा हमला किया है. उन्होंने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, पाकिस्तान को चाहे IMF लोन दे रहा हो या चीन ,अमेरिका,सऊदी अरब,तुर्की सभी पैसे नाली में जाएगा. नालायक पाकिस्तान क़र्ज़ के बोझ से दबकर ख़त्म हो जाएगा.
भारत के 51 सांसद विदेशी दौरे पर पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ भारत का पक्ष रख रहे हैं, लेकिन देश में इस मुद्दे पर तीखी सियासत जारी है. कांग्रेस ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे के सऊदी अरब में दिए बयान 'आतंकवाद का धर्म नहीं होता' की आलोचना करते हुए उन्हें 'गिरगिटों' की संज्ञा दी है, क्योंकि उनके पिछले बयान कथित तौर पर सांप्रदायिक रहे हैं. देखें 'दंगल'.
बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने 1991 के भारत-पाकिस्तान समझौते को लेकर कांग्रेस पर देशद्रोह का आरोप लगाया है. उन्होंने साथ ही कहा कि 'भारत सरकार को इसके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चालू करना चाहिए.' यह विवाद विदेश मंत्री एस जयशंकर पर राहुल गांधी के हमले के बाद उठा, जिसमें दुबे ने समझौते के तहत सैन्य गतिविधियों की अग्रिम जानकारी साझा करने का मुद्दा उठाया.
भाजपा और कांग्रेस के बीच पाकिस्तान के साथ 1991 में हुए सैन्य समझौते को लेकर बहस इस सप्ताह की शुरुआत में विदेश मंत्री जयशंकर की राहुल गांधी द्वारा की गई आलोचना के बाद शुरू हुई है. कांग्रेस नेता ने विदेश मंत्री जयशंकर के एक बयान कहा हवाला देते हुए आरोप लगाया था कि भारत ने पाकिस्तान को ऑपरेशन सिंदूर शुरू होने से पहले ही इसके बारे में बता दिया था.
भारत में देश विरोधी पोस्ट कर रहे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर शिकंजा कसने की तैयारी है, संसदीय पैनल ने दो प्रमुख मंत्रालयों से जानकारी मांगी है.
सुप्रीम कोर्ट 5 मई को निशिकांत दूबे के खिलाफ अवमानना याचिका पर सुनवाई करेगा. वकील विशाल तिवारी ने यह याचिका दाखिल की है, जिसमें विशिष्ट दावों के तहत दूबे पर आरोप लगाए गए हैं. तिवारी ने वक्फ अधिनियम और पर्यटकों की सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं पर भी याचिका दायर की है.