भारत के अगले मुख्य न्यायाधीश (CJI) जस्टिस बी.आर. गवई ने रविवार को मीडिया से बातचीत की और कई अहम मुद्दों पर अपनी बेबाक राय रखी. उन्होंने कहा कि 'मैं रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं लूंगा. सीजेआई के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए.'
'हमले की खबर से हम सभी जज स्तब्ध थे'
पहलगाम आतंकी हमले पर सुप्रीम कोर्ट की प्रेस रिलीज के बाद जस्टिस गवई ने कहा, 'जब देश संकट में हो, तो सुप्रीम कोर्ट इससे अलग नहीं रह सकता. हम भी इस देश का हिस्सा हैं.' उन्होंने बताया कि हमले की खबर मिलते ही सुप्रीम कोर्ट की फुल कोर्ट मीटिंग बुलाई गई थी और सभी जज स्तब्ध थे.
'जजों को जनता से संवाद बनाए रखना चाहिए'
जस्टिस गवई ने अपनी मणिपुर यात्रा का जिक्र करते हुए कहा, 'वहां एक वृद्ध महिला ने मुझसे कहा, 'आपका अपने घर में स्वागत है.' उस पल मुझे एकता और अपनत्व का एहसास हुआ.' उन्होंने कहा, 'न्यायाधीशों को 'आइवरी टावर' यानी ऊंचे बंद कक्षों में बैठकर काम नहीं करना चाहिए. उन्हें जनता से संवाद बनाए रखना चाहिए.'
'सीजेआई के बाद कोई पद नहीं लूंगा'
जस्टिस गवई ने स्पष्ट किया, 'मैं सेवानिवृत्ति के बाद कोई भी पद स्वीकार नहीं करूंगा. मुझे लगता है कि एक बार जब कोई व्यक्ति CJI के पद पर रह चुका होता है, तो उसे आगे कोई और जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए.'
बुद्ध पूर्णिमा के अगले दिन लेंगे शपथ
सुप्रीम कोर्ट पर हो रही टिप्पणियों को लेकर उन्होंने कहा, 'जो सर्वोच्च है, वह सबको पता है. असली सर्वोच्चता संविधान की है.' पहले बौद्ध CJI बनने पर जस्टिस गवई ने कहा कि यह एक संयोग है कि वह बुद्ध पूर्णिमा के ठीक अगले दिन CJI पद की शपथ लेने जा रहे हैं. 'यह मेरे लिए एक गौरवपूर्ण क्षण है.'