भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंदूर के बाद दुनिया के सामने आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान की पोल खोलने के लिए अलग-अलग देशों में सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का ऐलान किया था. इस डेलिगेशन को लेकर सियासत गर्म है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा है कि ध्यान भटकाने के लिए डेलिगेशन भेजा जा रहा है. अब इसे लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरद पवार) की सांसद सुप्रिया सुले का भी बयान आया है.
सुप्रिया सुले ने बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेता जयराम रमेश के बयान को लेकर सवाल पर कहा कि मुझे नहीं मालूम कि जयराम रमेश ने क्या कहा है. लेकिन जिस डेलिगेशन में मैं हूं, उसमें आनंद शर्मा और मनीष तिवारी भी हैं, जो विदेश संबंधी मामलों की अच्छी समझ रखते हैं. उन्होंने कहा कि हम विदेशी धरती पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करेंगे. एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने कहा कि मुझे लगता है कि जब देश में संकट के समय हमें एकजुटता के साथ खड़ा होना चाहिए.
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उन्होंने आगे कहा कि किरेन रिजिजू ने मुझे कॉल किया था और कहा था कि देश के लिए आपका समय चाहिए. इसमें हम सभी दलों के लोग हैं. सुप्रिया सुले ने कहा कि हम देश का प्रतिनिधित्व करेंगे, किसी दल का नहीं. हमारे लिए देश का प्रतिनिधित्व करने का यह एक बहुत बड़ा अवसर है. उन्होंने कहा कि भारत में कई गतिविधियां चल रही हैं और यह उन्हीं में से एक है. पहले बैच में आज तीन डेलिगेशन रवाना हो रहे हैं. दूसरे बैच 24 मई को रवाना होगा और 3 या 4 जून को वापस स्वदेश लौटेगा.
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सुप्रिया सुले ने खुद को प्राउड इंडियन बताते हुए कहा कि भारत आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा है और हम देश के साथ खड़े हैं. उद्धव ठाकरे और ममता बनर्जी ने भी देश के लिए स्टैंड लिया है. उन्होंने यह भी कहा कि शरद पवार पहले ही यह स्पष्ट कह चुके हैं कि हम ऐसा कुछ भी नहीं कहेंगे जिससे हमारी सेना या सुरक्षा को लेकर गलत संदेश जाए. यह तू-तू, मैं-मैं करने का समय नहीं है. सुप्रिया सुले ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के छोटे युद्ध वाले बयान पर कहा कि हर युद्ध, युद्ध होता है. वह छोटा हो या बड़ा. उन्होंने जल जीवन मिशन के लिए कॉस्ट एस्केलेशन ट्रांसपैरेंसी के मुद्दे पर जल शक्ति मंत्री सीआर पाटील को पत्र लिखने की बात भी कही.