प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को संसद भवन स्थित अपने ऑफिस में दो स्पेशल गेस्ट का स्वागत किया. दो खास नन्हें मेहमान हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की पोती थीं. दोनों बच्चियों ने प्रधानमंत्री को उन पर लिखी एक कविता भी सुनाई. एक जैसे बैंगनी रंग के कपड़े पहने बच्चियों ने देशभक्ति गीत गाकर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया. दोनों बच्चियों ने पीएम मोदी को गुलाब का फूल दिया. प्रधानमंत्री ने दोनों बच्चियों को चॉकलेट भी दी. बच्चों के प्रति अपने स्नेह के लिए जाने जाने वाले पीएम ने बच्चियों को गर्मजोशी से गले लगाया और उनके गाने पर मुस्कुराए.
PM ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की प्रशंसा की
इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 1975 में इंदिरा गांधी की सरकार की ओर से लगाए गए आपातकाल की निंदा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला की प्रशंसा की. प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'मुझे खुशी है कि माननीय अध्यक्ष ने आपातकाल की कड़ी निंदा की और उस दौरान की गई ज्यादतियों को उजागर किया और यह भी बताया कि किस तरह से लोकतंत्र का गला घोंटा गया.'
प्रधानमंत्री मोदी की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव को वॉयस नोट के माध्यम से स्वीकार किए जाने के बाद ओम बिड़ला को लोकसभा अध्यक्ष के रूप में चुना गया. अपने चुनाव के बाद बिरला ने कहा, 'यह सदन 1975 में आपातकाल लगाने के फैसले की कड़ी निंदा करता है. हम उन सभी लोगों के दृढ़ संकल्प की सराहना करते हैं जिन्होंने आपातकाल का विरोध किया, लड़ाई लड़ी और भारत के लोकतंत्र की रक्षा करने की जिम्मेदारी निभाई.' इस बयान के बाद सदन में विपक्षी सदस्यों ने विरोध प्रदर्शन किया.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि युवाओं को आपातकाल के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है, उन्होंने इसे संविधान की अवहेलना करने, जनमत को दबाने और संस्थानों को कमजोर करने के परिणामों की एक महत्वपूर्ण याद दिलाने वाला बताया. उन्होंने जोर देकर कहा कि आपातकाल के दौरान की घटनाएं तानाशाही की प्रकृति को दर्शाती हैं.
ओम बिड़ला ने 25 जून, 1975 को भारतीय इतिहास का 'काला अध्याय' बताया और आपातकाल लगाने और 'बाबासाहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान पर हमला करने' के लिए इंदिरा गांधी की आलोचना की. उन्होंने कहा कि आपातकाल के दौरान, भारत, जिसे विश्व स्तर पर लोकतंत्र की जननी के रूप में जाना जाता है, उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को कुचल दिया गया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का गला घोंट दिया गया.