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मुजफ्फरपुर शेल्टर केसः ED ने ब्रजेश ठाकुर पर PMLA के तहत मामला दर्ज किया

पिछले महीने जुलाई में उम्रकैद की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि वो 30 लाख से ऊपर का जुर्माना भरने में सक्षम नहीं है. उसने अपनी अर्जी में कहा कि उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इस बड़े जुर्माने को भर सके.

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मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में उम्रकैद की सजा काट रहा ब्रजेश ठाकुर (फाइल-पीटीआई)
मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में उम्रकैद की सजा काट रहा ब्रजेश ठाकुर (फाइल-पीटीआई)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में उम्रकैद की सजा काट रहा ब्रजेश ठाकुर
  • दिल्ली की साकेत कोर्ट ने 20 जनवरी को ब्रजेश को दोषी ठहराया था
  • अलग-अलग धाराओं के तहत ब्रजेश पर 32 लाख का जुर्माना लगाया गया

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अभियोजन पक्ष की ओर से शिकायत के बाद बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में उम्रकैद की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) के तहत केस दर्ज किया है.

पटना स्थित स्पेशल जज (पीएमएलए) के समक्ष उपस्थित होने से पहले सरकारी धन के दुरुपयोग से संबंधित मामले में ईडी ने ब्रजेश ठाकुर, उनके परिवार के सदस्यों और अन्य लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर दोषी ठहराया.

इससे पहले पिछले महीने जुलाई में उम्रकैद की सजा काट रहे ब्रजेश ठाकुर ने दिल्ली हाई कोर्ट से कहा था कि वो 30 लाख से ऊपर का जुर्माना भरने में सक्षम नहीं है. उसने अपनी अर्जी में कहा कि उसकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि वह इस बड़े जुर्माने को भर सके.

मामला सामने आने के बाद सीबीआई और ईडी की तरफ से ब्रजेश ठाकुर के बैंक खाते सील कर दिए गए थे. ब्रजेश ने अपनी अर्जी में कहा कि फिलहाल उसके पास जुर्माना भरने के लिए पैसे नहीं बचे हैं.

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शेल्टर होम रेप केस में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर को उम्रकैद की सजा सुनाते वक्त अलग-अलग धाराओं में उस पर करीब 32 लाख का जुर्माना भी लगाया था.

जांच एजेंसी सीबीआई की तरफ से ब्रजेश ठाकुर को इस मामले में मुख्य आरोपी बनाया गया था. ब्रजेश ठाकुर के अलावा 18 और लोगों को भी इस मामले में दोषी ठहराया था.

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ब्रजेश ठाकुर पर नाबालिग बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे. दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इसी साल 20 जनवरी को ब्रजेश ठाकुर को पूरे मामले का दोषी करार दिया था. ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत फास्ट ट्रैक कोर्ट में पूरी हुई थी.

पूरा मामला टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के सामने आने के बाद खुला था. इसमें मुख्य आरोपी के तौर पर ब्रजेश ठाकुर का नाम आया, जो बिहार सरकार के बेहद करीब था. साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 20 आरोपियों के खिलाफ पोक्सो, बलात्कार, आपराधिक साजिश जैसी धाराओं में आरोप तय किया.

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