दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इसी साल जनवरी में ब्रजेश ठाकुर को यौन शोषण के मामले में दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी. इस मामले में कोर्ट ने 20 आरोपियों में से 19 को दोषी पाया था. ब्रजेश ठाकुर पर नाबालिग बच्चियों और युवतियों के यौन शोषण के आरोप थे.
दिल्ली की साकेत कोर्ट ने इन आरोपों को सही पाया था. ये पूरा मामला बिहार के शेल्टर होम में नाबालिग बच्चियों और युवतियों से दुष्कर्म से जुड़ा हुआ है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इस पूरे मामले की सुनवाई दिल्ली की साकेत कोर्ट में हुई थी.
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यह मामला टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंस की रिपोर्ट के सामने आने के बाद सुर्खियों में आया था. इस मामले में मुख्य आरोपी के तौर पर ब्रजेश ठाकुर का नाम सामने आया था, जो बिहार सरकार का बेहद करीब था. साकेत कोर्ट ने ब्रजेश ठाकुर समेत 20 आरोपियों के खिलाफ पॉक्सो कानून, बलात्कार और आपराधिक साजिश जैसी आईपीसी धाराओं के तहत मुकदमा चलाया था.
इस मामले की जांच करने के बाद सीबीआई ने भी ब्रजेश ठाकुर को ही मुख्य आरोपी बनाया था. सीबीआई ने कोर्ट में दाखिल अपनी चार्जशीट में कहा था कि जिस शेल्टर होम में बच्चियों के साथ दुष्कर्म होता रहा, उसको ब्रजेश ठाकुर ही चला रहा था.
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