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Corona: तीसरी लहर से बचाएगी कोरोना की ये नई दवा? 13 कंपनियों को मिले मैन्युफैक्चरिंग राइट्स

खबर आई है कि  Molnupiravir नाम की दवा की मदद से कोरोना मरीजों को ठीक किया जा सकता है. आरएमएल अस्पताल के फाउंडर डीन और ICMR व DCGI के कंसल्टिंग मेंबर डॉ. राजीव सूद ने कहा कि Molnupiravir नाम की ये दवाई तीसरी लहर को रोकने में कारगर है.

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 Molnupiravir (Symbolic image)
Molnupiravir (Symbolic image)
स्टोरी हाइलाइट्स
  • Molnupiravir है कोरोना की ये नई दवा
  • 13 कंपनियों को मिले मैन्युफैक्चरिंग राइट्स

कोरोना वायरस के ताजा मामलों में तेजी को देखकर माना जा रहा है कि महामारी की तीसरी लहर आ चुकी है. ऐसे में इससे बचने के लिए वैक्सीन के बूस्टर डोज की भी चर्चा है. इस बीच खबर आई है कि  Molnupiravir नाम की दवा की मदद से कोरोना मरीजों को ठीक किया जा सकता है.

आरएमएल अस्पताल के फाउंडर डीन और ICMR व DCGI के कंसल्टिंग मेंबर डॉ. राजीव सूद ने कहा कि Molnupiravir नाम की ये दवाई तीसरी लहर को रोकने में कारगर है. साथ ही साथ यह उन मरीजों के लिए है जिन्हें होम आइसोलेशन ट्रीटमेंट दी जा रही है. उन्होंने कहा कि वैक्सीन के बाद अब एंटीवायरल ड्रग को मंजूरी मिलना अच्छी खबर तो है ही लेकिन  यह दवाई डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं दी जाएगी. 

गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं ये दवा

डॉ. राजीव ने कहा कि यह दवाई वायरस को खत्म करने में कारगर है. लेकिन वहीं दूसरी ओर आईसीएमआर का यह भी कहना है कि यह दवाई गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है. इस वक्त कई दूसरी वैक्सीन भी पाइपलाइन में हैं. इन पर ट्रायल्स जारी है. उन्होंने कहा कि बात नेजल वैक्सीन की करें तो ये सबसे ज्यादा कारगर साबित होगी. क्योंकि वेरिएंट ओमिक्रॉन डेल्टा वेरिएंट से भी ज्यादा संक्रमण फैलाता है, ऐसे में हमारे नाक, हाथ और आंखें इस वायरस के संपर्क में जल्दी आ सकते हैं. इसीलिए नेजल वैक्सीन जो नाक से दी जाएगी यह बहुत अच्छे परिणाम देगी.

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बेसिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन जरूरी

डॉ. राजीव ने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर अब दस्तक दे चुकी है. हर दिन पॉजिटिविटी रेट बढ़ता ही जा रहा है. ऐसे में लोगों की लापरवाही और भी ज्यादा घातक साबित हो सकती है. सबसे पहले जरूरी है कि अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की एंट्री पूरी तरह से बंद की जानी चाहिए.  इससे बचने के लिए सभी लोग बेसिक कोविड प्रोटोकॉल का पालन करें.

13 कंपनियों को मिले मैन्युफैक्चरिंग राइट्स

मॉलनुपिरावीर नाम की यह दवाई तैयार करने वाली कंपनी Entod Pharmaceutical के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर निखिल मसूरकार ने बताया कि DCGI ने इसे मंजूरी दे दी है. उन्होंने बताया कि देश की 13 कंपनियों को इसके मैन्युफैक्चरिंग के राइट्स मिले हैं. जिसमें से एक है एनटोड फार्मासूटिकल्स है.

उन्होंने बताया कि यह एकमात्र पहली ऐसी दवाई है जो सिर्फ और सिर्फ कोरोना से संक्रमित लोगों के इलाज के लिए बनाई गई है. इस दवाई को वो मरीज ले सकते हैं जो होम आइसोलेशन में हैं. जिनका ऑक्सीजन लेवल 93 है, उनके लिए भी यह काम करेगी.

इस दवा से रोकी जा सकेगी तीसरी लहर

मसूरकार ने बताया कि इस दवाई से तीसरी लहर के बढ़ते खतरे को रोका जा सकता है. उन्होंने कहा कि दिन ब दिन ओमिक्रॉन वेरिएंट के मामले भी बढ़ रहे हैं, ऐसे में यह दवाई ओमिक्रॉन से संक्रमित लोगों को भी दी जा सकती है. यह तीसरी लहर से लड़ने के लिए बहुत कारगर साबित होगी. इस दवाई से निश्चित ही हॉस्पिटलाइजेशन बहुत कम होगा.

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उन्होंने कहा कि इस दवाई के डोज की बात करे तो इस दवाई को एक दिन में चार बार लेना पड़ेगा. दो दवाइयां सुबह और दो शाम को. ऐसे इस दवाई का कोर्स पांच दिन का रहेगा. यह बच्चों के लिए फिलहाल नहीं दी जा सकती और बाकी लोगों को भी डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही लेना है. बिना प्रिस्क्रिब्शन के यह दवाई नहीं मिलेगी.

 

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