भारत और मालदीव के संबंध ऐतिहासिक और बहुआयामी हैं. भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच दोस्ताना संबंध "याराना" की तरह जारी रहेंगे. पड़ोसी मुल्क के राष्ट्रपत मोहम्मद मुइज्जू चार-दिवसीय भारत दौरे पर हैं, जहां उन्होंने पीएम मोदी से मुलाकात में उन्हें मालदीव आने का भी न्यौता दिया है, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया.
विदेश सचिव विक्रम मिश्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा, "मुझे नहीं लगता कि आप एक प्रश्न में और भी फिल्मों के नाम डाल सकते थे, लेकिन मैं अपने जवाब में बस इतना कह देता हूं कि याराना जारी रहेगा." पीएम मोदी ने मालदीव की यात्रा के लिए हामी भरी है लेकिन तारीख कूटनीतिक चैनल से तय की जाएंगी.
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#WATCH | Delhi: On being asked India-Maldives relationship, Foreign Secretary Vikram Misri says, "...Main apne jawaab mein sirf yeh keh deta hoon ki yaarana jaari rahega" pic.twitter.com/SoKcTuyOW0
— ANI (@ANI) October 7, 2024सम्बंधित ख़बरें
दोनों देश पहले की तरह करेंगे सहयोग
रक्षा सहयोग के मामले में मिश्री ने स्पष्ट किया कि दोनों देशों के बीच अधिकांश मामलों में कोई विवाद नहीं है. भारत-मालदीव के बीच रक्षा और सुरक्षा सहयोग को दोनों देशों के नेताओं ने काफी अहम माना है और इसे और आगे बढ़ाने की जरूरत पर जोर दिया है. मिश्री का मानना है कि भारत और मालदीव आने वाली सुरक्षा चुनौतियों का मिलकर सामना करेंगे और पहले की तरह करीब से सहयोग करेंगे.
ब्रिक्स में शामिल होने में मुउज्जू की दिलचस्पी नहीं
क्षेत्रीय ग्रुपिंग्स को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में विदेश सचिव ने कहा कि मालदीव ने ब्रिक्स में शामिल होने की कोई रुचि नहीं दिखाई है और किसी तरह की औपचारिक मांग भी नहीं की है. हालांकि, मालदीव ने कोलंबो सिक्योरिटी कॉन्क्लेव में हिस्सा लिया है, जो एक तरह से इंडो-पैसिफिक ग्रुपिंग का हिस्सा है.
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भारत और मालदीव के रिश्ते न सिर्फ सामरिक और आर्थिक मामलों में बल्कि सांस्कृतिक और जन-संपर्क स्तर पर भी गहरे हैं. दोनों देश आपसी सहयोग से प्रशांत महासागर क्षेत्र में स्थिरता और सुरक्षा बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं. यह स्पष्ट है कि आने वाले समय में दोनों देशों के संबंधों में इनोवेशन और डेवलपमेंट की नई संभावनाएं खुलेंगी, जो दोनों देशों के नागरिकों के लिए फायदेमंद होंगी.