एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ईडी) ने पीएनबी बैंक घोटाले मामले में मेहुल चोकसी के खिलाफ एक और अहम कदम उठाते हुए मुंबई के चार फ्लैट लिक्विडेटर को सौंप दिए हैं. ये वही फ्लैट हैं जो PNB लोन घोटाले की जांच में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जब्त किए गए थे.
ये सभी संपत्तियां बोरीवली ईस्ट के डाटापाड़ा रोड पर बने प्रोजेक्ट ‘तत्व, ऊर्जा ए विंग’ में थीं, जिन्हें अब 21 नवंबर को आधिकारिक रूप से लिक्विडेटर के हवाले कर दिया गया.
इन फ्लैट्स को वापस देने का मकसद यह है कि लिक्विडेटर इन्हें नीलाम कर सके और जो भी पैसा आए, वह उन पीड़ितों और बैंकों तक पहुंचे जिन्हें चोकसी और उसकी कंपनी के घोटाले में भारी नुकसान हुआ.
पीएमएलए का मतलब धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) के नियमों के मुताबिक, जब्त संपत्ति पीड़ित पक्ष को वापस दिलाना ही अंतिम लक्ष्य होता है. इसी प्रक्रिया में ईडी, मुंबई, कोलकाता और सूरत में लगभग 310 करोड़ रुपये की संपत्तियां पहले ही लौटा चुका है.
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दूसरी तरफ, चोकसी अभी बेल्जियम में है और भारत वापस लाए जाने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है. उधर ईडी और बैंक चाहते हैं कि चोकसी की बाकी जब्त संपत्तियों का वैल्यूएशन जल्दी पूरा हो, उन्हें नीलाम किया जाए और नीलामी की रकम बैंकों को फिक्स्ड डिपॉजिट के रूप में दी जाए.
2018 में ED और CBI ने मेहुल चोकसी, उसके भतीजे नीरव मोदी, उनके परिवार, कर्मचारियों और कुछ बैंक अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. आरोप था कि चोकसी और बैंक अधिकारियों ने मिलकर गलत तरीके से LOU और FLC जारी करवाए, जिससे बैंक को बड़ा नुकसान हुआ. अब लिक्विडेटर को दी गई यह संपत्तियां उस नुकसान की भरपाई में मदद करेंगी.