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ममता की लहर के बावजूद भाजपा के 3 उम्मीदवार जीते चुनाव, मीना देवी 6वीं बार बनीं पार्षद

टीएमसी की सुनामी के बीच 6वीं बार पार्षद का चुनाव जीतने वाली मीना देवी पुरोहित बेहद खुश हैं. उन्होंने अपनी जीत की वजह साल के 365 दिन जनता के बीच बिताने और उनके काम में लगे रहना बताया. मीना देवी पुरोहित पिछले लगभग 25 सालों से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. कोलकाता नगर निगम में डिप्टी मेयर भी रह चुकी है.

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कोलकाता नगर निगम चुनाव में भाजपा के सिर्फ तीन उम्मीदवारों को मिली जीत
कोलकाता नगर निगम चुनाव में भाजपा के सिर्फ तीन उम्मीदवारों को मिली जीत
स्टोरी हाइलाइट्स
  • कोलकाता नगर निगम चुनाव में भी टीएमसी की शानदार जीत
  • टीएमसी ने 144 में से 134 सीट पर जीत हासिल की
  • भाजपा के सिर्फ 3 उम्मीदवारों को मिली जीत

कोलकाता नगर निगम चुनाव में भी टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन करते हुए विपक्षीय दलों का सूपड़ा साफ कर दिया. पार्टी ने 144 सीटों में से 134 पर जीत हासिल की. हालांकि, ममता की आंधी के बावजूद भाजपा के 3 उम्मीदवार जीतने में सफल रहे. इनमें से एक मीना देवी पुरोहित भी हैं. खास बात ये है कि मीना 6वीं बार पार्षद बनी हैं. 

टीएमसी की सुनामी के बीच 6वीं बार पार्षद का चुनाव जीतने वाली मीना देवी पुरोहित बेहद खुश हैं. उन्होंने अपनी जीत की वजह साल के 365 दिन जनता के बीच बिताने और उनके काम में लगे रहना बताया. मीना देवी पुरोहित पिछले लगभग 25 सालों से बीजेपी से जुड़ी हुई हैं. कोलकाता नगर निगम में डिप्टी मेयर भी रह चुकी है. मीना देवी पुरोहित कोलकाता के 22 नंबर वार्ड से जीती हैं. यह बड़ा बाजार इलाके में आता है जहां 70% कारोबारी लोग रहते हैं और बीजेपी का गढ़ माना जाता है. 

इन प्रत्याशियों को भी मिली जीत
भाजपा ने इस चुनाव में तीन सीटों पर जीत हासिल की. मीना देवी के अलावा सजल घोष और विजय ओझा ने भी इस चुनाव में टीएमसी उम्मीदवार को हराया. सजल घोष के पिता भी राजनीति में रह चुके हैं. इनके व्यक्तिगत काम और पहचान को ही इनकी जीत की असल वजह बताया जा रहा है. 

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कौन हैं सजल घोष और विजय ओझा?
सजल घोष के पिता प्रदीप घोष एक समय टीएमसी से जुड़े हुए थे और मध्य कोलकाता की प्रभावशाली नेता हुआ करते थे. सजल घोष और प्रदीप घोष की बहुत प्रसिद्ध दुर्गा पूजा भी है जो वह हर साल मनाते हैं जिसे संतोष मित्र स्क्वेयर दुर्गा पूजा के नाम से जाना जाता है और कई बार इस पूजा में करोड़ों के गहने मां दुर्गा को चढ़ाए गए. विजय ओझा 23 नंबर वार्ड से जीते हैं. 23 नंबर वार्ड भी बड़ा बाजार के अंतर्गत आता है. 
 
टीएमसी की सुनामी, वोट % के मामले में लेफ्ट भाजपा से आगे
कोलकाता नगर निगम चुनाव में टीएमसी की सुनामी देखने को मिली. टीएमसी ने 144 में से 134 सीटें हासिल कीं. टीएमसी को करीब 72% वोट मिला. वहीं, इस चुनाव में लेफ्ट फ्रंट को करीब 11% वोट मिला. भाजपा को  8:3% वोट मिला. हालांकि, सीटों के लिहाज से भाजपा नंबर दो पर रही. भाजपा को 3, जबकि लेफ्ट को 2 सीटें मिलीं. कांग्रेस ने भी दो सीटें हासिल की हैं. कांग्रेस को 4.47% वोट हासिल किया. 


 

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