पश्चिम बंगाल में कोलकाता नगर निगम (KMC) चुनाव के लिए रविवार को 144 वार्डों के 4,959 मतदान केंद्रों पर वोट डाले गए. लेकिन इस दौरान बूथ पर बम फेंके जाने की घटना से बवाल मच गया है. भारतीय जनता पार्टी ने राज्य के चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर सभी वार्डों पर दोबारा चुनाव कराने को कहा है. वहीं मामले को लेकर प्रदेश में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी और कुछ भाजपा नेता राज्य के चुनाव आयोग कार्यालय के बाहर पुलिस के भिड़ गए.
भाजपा के अनुसार, पार्टी के प्रतिनिधिमंडल के साथ राज्य चुनाव कार्यालय के सामने कथित रूप से मारपीट की गई. बाद में उन्हें अंदर जाने दिया गया. इसके बाद शुभेंदु अधिकारी और अन्य भाजपा नेता राज्य चुनाव आयुक्त सौरव दास के कार्यालय के अंदर धरने पर बैठ गए. भाजपा के अनुसार, पुलिस द्वारा माफी मांगने के बाद वे वापस चले गए.
बता दें कि रविवार सुबह कोलकाता में वोटिंग शुरू होने के कुछ घंटे बाद कोलकाता नगर निगम के खन्ना हाई स्कूल के पास मतदान बूथ के बाहर करीब 10 बजे दो बम फेंके गए. घटना के बाद से प्रदेश में राजनीतिक हलचल मच गई है. इसके अलावा विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मतदान के समय बिधानगर पुलिस आयुक्त के लोगों ने भाजपा विधायकों को रोक लिया था, राज्यपाल के हस्तक्षेप के बाद हम उनसे मिल सकते थे. उनमें से 20 प्रतिशत भी वोट नहीं दे सके.
उन्होंने कहा कि हमारे पास सीसीटीवी फुटेज हैं, लेकिन कई सीसीटीवी जानबूझकर बंद कर दिए गए थे. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमें बोहिरागोटो कहती हैं. हमने देखा कि उनके विधायक एमएलए होस्टर परिसर से बाहर निकले लेकिन हमारे लोग बंद थे. हमने राज्यपाल से पूरे चुनाव को रद्द करने के लिए कहा है.
उधर, सीपीएम उम्मीदवार मौसमी घोष ने आरोप लगाया है कि बम टीएमसी के लोगों ने फेंका है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी चाहती है कि जनता वोटिंग में शामिल न हो. इसके अलावा निर्दलीय उम्मदीवारों का दावा है कि भाजपा उम्मीदवार ने उन्हें निशाना बनाने के लिए बम फेंकवाया है. कांग्रेस ने इस वार्ड में दोबारा मतदान की मांग की है. वहीं बम फेंके जाने की घटना को लेकर टीएमसी ने विपक्ष पर ही हमला कर दिया है. टीएमसी ने विपक्षी पार्टियों पर बम फेंकने का आरोप लगाया.